बिलासपुर। शहर सरकार पर कब्जा करने बीते 10 दिनों से चल रहा प्रचार प्रसार थम गया है। अब बीते दो दिनों डोर-टू-डोर कैंपेनिंग चल रही है। मंगलवार को सुबह आठ बजे से मतदान प्रारंभ होगा । जाहिर सी बात है सोमवार की पूरी रात उम्मीदवारों के साथ ही समर्थकों और रणनीतिकार कश्मकश और लाबिंग में गुजरेगी। स्लम एरिया में जोर आजमाइश भी पूरी रात चलेगी। मंगलवार को फाइनल मुकाबला होगा। ईवीएम के जरिए मतदाता वोट डालेंगे। सवाल यह उठ रहा है कि कांग्रेस अपना कब्जा बरकरार रख पाएगी या फिर शहर सरकार की सत्ता में भाजपा दमदार तरीके वापसी करेगी।

भाजपा की वापसी होती है तो यह माना जाएगा कि राज्य सरकार के एकसाल के कामकाज से शहरी मतदाता पूरी तरह संतुष्ट हैं। संतुष्टि का ही परिणाम रहेगा कि पांच साल वनवास काटने के बाद भाजपा सरकार में वापसी करेगी। वापसी के पीछे एक ही बात की चर्चा हो रही है। वह है आधी आबादी का समर्थन। आधी आबादी का समर्थन और आशीर्वाद जिस दल को मिलेगा शहर सरकार में कब्जा उसी का होगा। अटकलबाजी के बीच इस बात की संभावना कुछ ज्यादा ही दिखाई दे रही है कि विधानसभा चुनाव की तर्ज पर महिला मतदाता एक बार फिर भाजपा पर अपना भरोसा जताएंगी।

भरोसा जताने के पीछे पर्याप्त कारण भी माना और गिनाया जा रहा है। सबसे बड़ा कारण महतारी वंदन योजना का बिना ब्रेक राज्य सरकार द्वारा संचालन किया जाना। विधानसभा चुनाव के दौरान और राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही कांग्रेस की ओर से यह आशंका जताई जा रही थी कि चुनावी योजना है,कुछ महीनों में बंद हो जाएगी। पर ऐसा नहीं हुआ। जैसा कि सीएम विष्णुदेव साय शुरुआत से ही महिलाओं का भरोसा दिलाते आ रहे हैं कि जब तक छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार रहेगी

योजना का संचालन होते रहेगा और महतारियों के बैंक अकाउंट में हर महीने राशि जमा होते रहेगी। भाजपा और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने महिलाओं को जो भरोसा दिलाया वे उस पर आजतलक कायम हैं। खास बात ये कि नगरीय निकाय चुनाव के बीच महिलाओं के बैंक खाते में राशि जमा कराई गई है। यही उसी भरोसे की बात है जो सीएम ने महिलाओं को दिया है।

सियासत में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि बिलासपुर सहित राज्य के जिन 10 नगरीय निकायों में चुनाव हो रहे हैं वहां भाजपा सत्ता में वापसी करेगी।
एक बड़ा फैक्टर यह भी
प्रदेश भाजपा ने नगरीय निकाय चुनाव के लिए घोषणा पत्र समिति के संयोजक की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री व विधायक अमर अग्रवाल को ही दी थी। उनकी अगुवाई में घोषणा पत्र तैयार हुआ। टिकट वितरण में भी उनकी चली है। लोकसभा चुनाव के दौरान जिस कुशलता के साथ अमर ने चुनाव प्रबंधन किया यह किसी से छिपा हुआ नहीं है। चर्चा तो इस बात की भी है कि नगरीय निकाय चुनाव के दौरान उम्मीदवारी तय करने में छत्तीसगढ़ के इन पांच लोकसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले निकायों में उनकी जमकर चली है। या यूं कहें कि उनकी सिफारिशें पर प्रदेश भाजपा ने सहमति जताई है। बहरहाल मौजूदा निकाय चुनाव में बिलासपुर नगर निगम और जिले के निकायों में शहर सरकार बनाने की उनकी अपनी जिम्मेदारी के साथ ही प्रतिबद्धता भी है।

निगम सीमा में पांच विधानसभा क्षेत्र की दखलंदाजी
बिलासपुर नगर निगम की सीमा वृद्धि के बाद निगम सीमा में जिले के छह में से पांच विधानसभा क्षेत्रों की भागीदारी है। बिलासपुर,बिल्हा,तखतपुर, बेलतरा व मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले शहरी सीमाओं को निगम में शामिल किया गया है। कोटा विधानसभा क्षेत्र की भागीदारी निगम में नहीं है। निगम चुनाव में बिलासपुर के अलावा बिल्हा,तखतपुर, बेलतरा व मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के विधायकों,पूर्व विधायकों व दिग्गज नेताओं की राजनीतिक प्रतिष्ठा सीधेतौर पर दांव पर है।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief