बिलासपुर। जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने अफसरों से कहा कि शराब दुकान को अन्यत्र क्यों नहीं हटा देते । आबकारी सचिव के जवाब के बाद कोर्ट ने बिलासपुर नगर निगम के कमिश्नर को प्रतिदिन संबंधित इलाके का निरीक्षण करने व व्यक्तिगत शपथ पत्र पेश करने का निर्देश दिया है।
सिरगिट्टी तारबाहर की शराब दुकान के कारण महिलाओं और लोगों को हो रही परेशानी को लेकर दायर स्वत: संज्ञान जनहित याचिका की चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की सख्ती भी सामने आई। उन्होंने अफसरों से कहा कि शराब दुकान को हटा क्यों नहीं देते। चीफ जस्टिस की नाराजगी के बाद अफसरों ने समय में बदलाव करने के साथ ही शराब दुकान को दूसरी जगह शिफ्ट करने की बात कही। नाराज कोर्ट ने नगर निगम के आयुक्त को रोज शाम के वक्त उस जगह का निरीक्षण करने का आदेश दिया है।
गुरुवार को पीआईएल को लेकर डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। बीते सुनवाई के दौरान कोर्ट के आदेश के परिपालन में आबकारी विभाग के सचिव ने शपथपत्र पेश कर जरुरी जानकारी दी। सचिव के जवाब के बाद डिवीजन बेंच ने कहा कि हम एक महीने बाद तक स्थिति पर नजर रखेंगे। ताकि उस क्षेत्र से गुजरने वाले आम लोगों को किसी प्रकार की कठिनाई या असुविधा न हो। डिवीजन बेंच ने बिलासपुर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यकता पड़ने पर उपयुक्त बल प्रयोग करने का निर्देश भी दिया है। डिवीजन बेंच ने इस संबंध में निगम आयुक्त को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत शपथ पत्र पेश करने का निर्देश दिया है। जनहित याचिका की अगली सुनवाई के लिए 28 फरवरी 2025 की तिथि तय कर दी है।

मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि सिरगिट्टी मुख्य मार्ग पर स्थित शराब दुकान के कारण आसपास के क्षेत्र में रहने वालों के कारण स्कूली बच्चों को हो रही परेशानी का जिक्र किया था। अंडर ब्रिज के पास शराब दुकान है। शाम के समय वहां शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है। जिससे वहां से आने-जाने वाले लोगों सहित विशेषकर महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief