बिलासपुर। बीते वर्ष के कड़वे अनुभव को देखते हुए परिवहन विभाग ने अदालती कार्रवाई और कानूनी दांव-पेंच से बचने के लिए अभी से ही तैयार कर ली है। सचिव छत्तीसगढ़ शासन परिवहन विभाग ने महाधिवक्ता कार्यालय के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में केविएट दायर किया है। दायर केविएट में विभाग ने मांग की है कि आटो एक्सपो के आयोजन को लेकर हाई कोर्ट में मामला दायर करने की स्थिति में फैसला देने से पहले हमारी पक्ष सुना जाए। परिवहन विभाग ने सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 148-ए के तहत यह केविएट दायर किया है।
सचिव परिवहन विभाग की ओर से दायर केविएट में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से मांग की है कि गैर-केविएटर या याचिकाकर्ता द्वारा दायर की जाने वाली किसी भी रिट याचिका में कोई अंतरिम आदेश पारित करने या कोई अंतरिम रिट जारी करने से पहले उनका पक्ष सुना जाए।
याचिका में कहा है कि राजधानी रायपुर में 15 जनवरी से 15 फरवरी, 2025 की अवधि के दौरान ऑटो-एक्सपो का आयोजन विभाग द्वारा किया जाना है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार रायपुर परिवहन विभाग द्वारा जारी 27.12.2024 को अधिसूचना जारी की गई है।
विभाग ने जताई आशंका
दायर केविएट में परिवहन विभाग ने आशंका जताई है कि 17.12.2024 की अधिसूचना के विरुद्ध भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226/227 के तहत रिट याचिका दायर कर विभाग द्वारा जारी अधिसूचना पर अंतरिम आदेश या स्थगन की प्रार्थना कर सकता है। परिवहन विभाग ने कहा है कि इस तरह की याचिका दायर करने की स्थिति में, न्याय के हित में यह आवश्यक होगा कि कोई भी आदेश पारित करने से पहले केविएटर परिवहन विभाग को सुनवाई का अवसर दिया जाए। विभाग ने दायर केविएट में परिवहन विभाग ने लिखा है कि अत्यंत विनम्रतापूर्वक प्रार्थना की जाती है कि कोई भी आदेश, चाहे वह अंतरिम हो या यथास्थिति, केविएटर को सुनवाई का अवसर दिए बिना पारित ना की जाए।
Author: Ravi Shukla
Editor in chief