छत्तीसगढ़ रायपुर। भारतीय संविधान निर्माण में छत्तीसगढ़ के योगदान को रेखांकित करने वाली वृहद कृति तैयार किए जाने की आवश्यकता पर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डा. रमनसिंह ने जोर दिया। वे साहित्यकार जागेश्वर प्रसाद द्वारा लिखित पुस्तक संविधान निर्माण में छत्तीसगढ़ का योगदान के विमोचन अवसर पर मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे।

डा. रमनसिंह ने कहा कि संविधान निर्माण में छत्तीसगढ़ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। प्रदेश से संविधान सभा में प्रतिनिधित्व करने वाले पं. रविशंकर शुक्ल, ठाकुर छेदीलाल, घनश्याम सिंह गुप्त, किशोरी मोहन त्रिपाठी, रामप्रसाद पोटाई और रघुराज सिंह जैसे विशिष्ट जनों ने संविधान निर्माण की प्रक्रिया में उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि इन विभूतियों के व्यापक और संतुलित मूल्यांकन को सामने लाने हेतु एक वृहद पुस्तक का प्रकाशन होना चाहिए।

कार्यक्रम के दौरान डा. रमनसिंह को छत्तीसगढ़ी को राजभाषा बनाए जाने से जुड़े सम्मान समारोह के ऐतिहासिक क्षणों का छायाचित्र तथा राजकीय कौशेय गमछा भेंट किया गया। यह सम्मान डॉ. पालेश्वर प्रसाद शर्मा, तत्कालीन संयोजक छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच, तथा जागेश्वर प्रसाद, संभागीय संयोजक, की ओर से प्रदान किया गया।
इस अवसर पर डा. देवधर महंत ने आधार वक्तव्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अशोक तिवारी ने की, जबकि छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष शशांक शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का संचालन विजय मिश्र अमित ने किया और आभार प्रदर्शन जागेश्वर प्रसाद द्वारा किया गया।
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