हिंदी विश्वविद्यालय में संविधान दिवस पर व्याख्यान, उद्देशिका वाचन और संविधान रैली का आयोजन
वर्धा, 26 नवंबर 2025। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में संविधान दिवस बड़े ही गरिमामय वातावरण में मनाया गया। ‘हमारा संविधान–हमारा स्वाभिमान’ तथा संविधान के अमृत महोत्सव वर्ष के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित दलित इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के संस्थापक अध्यक्ष, आईआईएम जम्मू एवं एनआईटी श्रीनगर के अध्यक्ष तथा इंडो–फ्रेंच सीईओ फोरम के सदस्य पद्मश्री डॉ. मिलिंद कांबळे ने कहा कि “संविधान हमारी स्वतंत्रता का संरक्षक और हमारी अस्मिता का प्रतीक है।
डॉ. कांबळे ने ‘भारतीय संविधान का लोकतंत्र में योगदान’ विषय पर अपने विस्तृत उद्बोधन में कहा कि संविधान दिवस केवल स्मरण का अवसर नहीं, बल्कि उस आत्मा को नमन करने का दिवस है, जिसने विविधताओं से भरे राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोया है। उन्होंने कहा कि भारत जैसा बहुधर्मी, बहुभाषी और बहुसांस्कृतिक देश समान अधिकारों के साथ एक छतरी के नीचे इसलिए खड़ा है, क्योंकि संविधान ने सभी के लिए न्याय, समानता और सम्मान सुनिश्चित किया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान विश्व के सबसे विस्तृत और प्रगतिशील संविधानों में गिना जाता है, जो केवल कानूनों का संकलन नहीं, बल्कि अधिकारों का संरक्षक और कर्तव्यों का प्रेरक है। सामाजिक न्याय और समानता का उल्लेख करते हुए उन्होंने अस्पृश्यता उन्मूलन, आरक्षण व्यवस्था और मूल अधिकारों को समाज के करोड़ों लोगों के सम्मान और उत्थान का महत्वपूर्ण आधार बताया।
डॉ. कांबळे ने महिलाओं के अधिकार, मतदान, शिक्षा, संपत्ति, विवाह और सुरक्षा से जुड़े संवैधानिक प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि संविधान ने महिलाओं को समानता की अग्रिम पंक्ति में स्थापित किया। उन्होंने चुनाव आयोग, डिजिटल इंडिया, अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसे विषयों पर भी विस्तार से विचार रखे। डॉ. आंबेडकर द्वारा संचालित चवदार तालाब संघर्ष और कालाराम मंदिर आंदोलन को उन्होंने सामाजिक समता की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि डॉ. आंबेडकर लोकतंत्र के महान चैम्पियन थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा ने की। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रो. शर्मा ने डॉ. आंबेडकर के योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि संविधान हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा करता है तथा राष्ट्र की एकता और अखंडता का मजबूत आधार है। उन्होंने कहा कि संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता लोकतंत्र के मूल स्तंभ हैं, जिन्हें व्यवहार में लाना हर नागरिक का दायित्व है।
इस अवसर पर कुलपति ने पद्मश्री डॉ. कांबळे का स्वागत शॉल, प्रतीक चिन्ह, चरखा और सूतमाला भेंटकर किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि से हुआ। कुलगीत का गायन डॉ. तेजस्वी एच. आर. एवं समूह द्वारा किया गया। स्वागत भाषण विधि विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. जनार्दन कुमार तिवारी ने दिया, जबकि संचालन डॉ. संदीप सपकाळे और आभार ज्ञापन डॉ. मीरा निचळे ने किया।

संविधान दिवस के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय के विधि विभाग द्वारा संविधान जागरूकता रैली पंजाब कॉलोनी तक निकाली गई, जिसका शुभारंभ कुलपति प्रो. शर्मा ने किया। बोधिसत्व डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर समता भवन परिसर में आंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया गया। कुलपति की अध्यक्षता में संविधान की उद्देशिका का सामूहिक वाचन किया गया।इन सभी कार्यक्रमों में विश्वविद्यालय के शिक्षक कर्मचारी, शोधार्थी और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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