बिलासपुर।बिलासपुर वन मंडल द्वारा वर्ष 2025 में मानव-हाथी संघर्ष को नियंत्रित करने, हाथियों के संरक्षण को बढ़ावा देने और गज-गलियारों को सुरक्षित रखने के लिए व्यापक कदम उठाए गए हैं। वन विभाग के अनुसार छत्तीसगढ़ में हाथियों की कुल संख्या लगभग 247 है, जिनमें से लगभग 100 हाथी बिलासपुर वन मंडल के क्षेत्रों में विचरण करते हैं। बढ़ती घटनाओं को देखते हुए विभाग ने प्रभावित इलाकों में निगरानी और रणनीतिक उपायों को और मजबूत किया है।
वन मंडल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वर्ष 2025 में मानव-हाथी संघर्ष से हुई क्षति पर सरकार ने त्वरित राहत प्रदान की है। अक्टूबर 2025 तक बिलासपुर वन मंडल में जनहानि पर 90 लाख रुपये, जनघायल के मामलों में 87,380 रुपये, पशुहानि पर 1 लाख 3 हजार 600 रुपये, फसल क्षति पर 3 करोड़ 54 लाख 16 हजार 625 रुपये और अन्य संपत्ति हानि पर 29 लाख 33 हजार 779 रुपये की सहायता राशि वितरित की गई है।

इस वर्ष कई गंभीर घटनाएँ भी सामने आईं, जिनमें वन विभाग की त्वरित कार्रवाई से कई लोगों की जान बचाई जा सकी। हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ट्रैकिंग दलों को सक्रिय किया गया है। ग्रामीण सूचना तंत्र, हाथी मित्र दल हाथी सहायता केंद्र सड़क सुरक्षा व्यवस्था और गज-गलियारों की निगरानी को और अधिक सुदृढ़ किया गया है। इसके साथ ही प्रमुख मार्गों पर सुधार, सोलर लाइट और साइनेज बोर्ड की स्थापना तथा रात्रि गश्ती दल की तैनाती की गई है। किसानों को सुरक्षा प्रशिक्षण देने के साथ-साथ हाथियों के प्राकृतिक आवास में जलस्रोत और चारा बेहतर करने के प्रयास भी जारी हैं, ताकि हाथियों का रुख मानव बस्तियों की ओर कम हो।

मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर वृत ने आम जनता से अपील की है कि हाथियों के दिखने पर तुरंत वन विभाग या हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दें और सुरक्षा की दृष्टि से उनसे पर्याप्त दूरी बनाए रखें। उन्होंने कहा कि विभाग सामुदायिक सहयोग और वैज्ञानिक पद्धतियों के माध्यम से हाथियों के संरक्षण और मानव सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है।
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