बिलासपुर। जिले में नशे के अवैध कारोबार पर पुलिस की सख्त कार्रवाई का बड़ा परिणाम सामने आया है। सकरी और सिरगिट्टी क्षेत्र में एनडीपीएस एक्ट के तहत पकड़े गए नशा तस्करों की संपत्ति को सफेमा कोर्ट ने अवैध करार देते हुए फ्रीज करने का आदेश दिया है। पुलिस की विस्तृत विवेचना और अवैध आय के सबूतों के आधार पर कोर्ट ने माना कि आरोपियों ने नशा बेचकर करीब डेढ़ करोड़ की संपत्ति खड़ी की थी।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, सिरगिट्टी थाना क्षेत्र में गांजा तस्करी के मामले में आरोपी अजय चक्रवर्ती के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत उसकी संपत्ति कुर्क की थी। जांच में सामने आया कि अजय चक्रवर्ती ने नशा बेचकर एक करोड़ 20 लाख रुपए मूल्य के दो आलीशान मकान बनाए थे। पुलिस ने पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर इसे मुंबई स्थित सफेमा कोर्ट को भेजा था। सुनवाई के दौरान पुलिस ने संपत्ति और उसकी अवैध कमाई से जुड़े दस्तावेज पेश किए।
दूसरे मामले में एसीसीयू और सकरी पुलिस की संयुक्त टीम ने चोरभट्ठी क्षेत्र में कार्रवाई कर गांजा बेचने वाली आरोपी क्रांति पांडेय के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच के बाद यह पाया गया कि क्रांति पांडेय ने नशे के अवैध व्यवसाय से 15 लाख का मकान और 21 लाख का प्लाट खरीदा था। कुल मिलाकर क्रांति पांडेय की 36 लाख की संपत्ति को भी कुर्क कर मामला सफेमा कोर्ट भेजा गया। दोनों मामलों में पुलिस और आरोपियों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने यह स्पष्ट रूप से कहा कि संपत्तियां नशे के काले कारोबार से अर्जित की गई हैं। कोर्ट ने संपत्ति को अवैध मानते हुए तत्काल फ्रीज करने के निर्देश दिए हैं। इससे पुलिस की कार्रवाई को कानूनी मजबूती मिली है।
विवेचकों को मिला पुरस्कार
इन मामलों की विवेचना में सकरी थाना के एएसआई सुरेंद्र तिवारी और सिरगिट्टी थाना के प्रधान आरक्षक प्रभाकर सिंह की भूमिका अहम रही। दोनों अधिकारियों ने दस्तावेजी सबूत, बैंक लेनदेन, संपत्ति के स्रोत और गवाहों के बयान के आधार पर ठोस विवेचना तैयार की थी। उनकी इस सटीक और प्रभावी जांच को देखते हुए सफेमा कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई को वैध माना और आदेश जारी किया। एसएसपी रजनेश सिंह ने दोनों विवेचकों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए 500-500 रुपए कैश रिवार्ड देकर सम्मानित किया है।
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