वर्धा। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में ग़ालिब सभागार में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जनजातीय परंपराओं गीतों और नृत्यों की रंगारंग प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा ने की। मुख्य अतिथि के रूप में जी.बी. पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान, प्रयागराज के अध्यक्ष एवं केंद्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय, आंध्र प्रदेश तथा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के पूर्व कुलपति प्रो. टी.वी. कट्टीमणि उपस्थित रहे।

वर्धा के बिरसा मुंडा गोंडी गायन मंडल के कलाकारों ने बिरसा मुंडा के जीवन और योगदान पर आधारित गीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी। गायक सुधाकर मसराम ने गोंडी भाषा में गीत गाकर उपस्थितों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस प्रस्तुति में मुकुंद मसराम, विवेक कुडमेते श्रीकृष्ण तुमराम हारमोनियम आर्यन तोड़ासे ढोलक परमेश्वर तोड़ासे तबला और धीरज मसराम बेंजो ने संगत की।

कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा एवं प्रो. टी.वी. कट्टीमणि ने सभी कलाकारों को शॉल एवं सूतमाला भेंटकर सम्मानित किया। इसके पश्चात विश्वविद्यालय के साहित्य विद्यापीठ के विद्यार्थियों लॉड अन्नू नाबाम यातुप आयाब्राहा चेलो यासी गोदक यान्युम बेग्या तेरी वांग्युक रामचू नमरोंग ले न्युमई और केरिंग समइल्लै ने अरुणाचल प्रदेश एवं नागालैंड के पारंपरिक गीतों और नृत्यों की सुंदर प्रस्तुतियाँ दीं।

कार्यक्रम का स्वागत भाषण प्रदर्शनकारी कला विभाग के अध्यक्ष डॉ. ओम प्रकाश भारती ने दिया जबकि संचालन विभाग के शोधार्थी उत्कर्ष सहस्रबुद्धे ने किया। आयोजन में विश्वविद्यालय के शिक्षक कर्मचारी शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और जनजातीय संस्कृति के इस उत्सव का आनंद लिया।
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