बिलासपुर। अपनी ही जमीन पर नाम दर्ज कराने के लिए परेशान किसान ने जब भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई, तो नायब तहसीलदार एसीबी के जाल में फंस गया। सीपत क्षेत्र के बिटकुला निवासी किसान से फौती दुरुस्ती और नामांतरण के बदले डेढ़ लाख रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में एसीबी की टीम ने नायब तहसीलदार देशकुमार कुर्रे को रंगेहाथ गिरफ्तार किया है।

एसीबी डीएसपी अजीतेश सिंह ने बताया कि बिटकुला गांव के किसान की मां के नाम पर करीब 21 एकड़ जमीन दर्ज है। मां के निधन के बाद किसान ने अपने और भाई-बहनों के नाम से फौती दर्ज कराने आवेदन दिया था। आवेदन सीपत तहसील कार्यालय में लंबित था। किसान ने बताया कि कई बार तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने के बाद नायब तहसीलदार देशकुमार कुर्रे ने उससे फौती दुरुस्ती के लिए डेढ़ लाख रुपये की मांग की। रकम सुनकर किसान हैरान रह गया और उसने इसकी शिकायत एसीबी कार्यालय में कर दी।
शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने प्राथमिक जांच कराई, जिसमें रिश्वत मांगने का मामला सत्य पाया गया। इसके बाद ट्रैप की योजना बनाई गई। इस बीच तहसीलदार ने सौदेबाजी करते हुए 1 लाख 20 हजार रुपये में काम करने की बात तय की। किसान से कहा गया कि पहली किश्त के रूप में 50 हजार रुपये देने पर काम शुरू कर दिया जाएगा। योजना के अनुसार किसान गुरुवार को तय समय पर एनटीपीसी स्थित कॉफी हाउस पहुंचा, जहां नायब तहसीलदार पहले से मौजूद था। जैसे ही किसान ने 50 हजार रुपये सौंपे, एसीबी की टीम ने घेराबंदी कर आरोपी तहसीलदार को रंगेहाथ पकड़ लिया। मौके पर मौजूद गवाहों की मौजूदगी में रकम जब्त की गई। इसके बाद नायब तहसीलदार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है।
एसीबी अधिकारियों ने बताया कि सरकारी काम के नाम पर रिश्वत मांगने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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