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November 14, 2025 5:21 am

हिंदी विश्वविद्यालय में कर्मयोगी प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा ने कहा-वास्तविक कर्मयोगी हमें दायित्व का बोध कराता है

वर्धा।महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र, प्रयागराज में भारत सरकार के मिशन कर्मयोगी पहल के तहत शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए एक दिवसीय राष्ट्रीय कर्मयोगी प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा ने की।

उद्घाटन सत्र में संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा ने कहा कि वास्तविक कर्मयोगी प्रशिक्षण हमें शक्ति नहीं, बल्कि दायित्व का बोध कराता है। उन्होंने कहा कि पद शक्ति नहीं देता, बल्कि जिम्मेदारी देता है। टीम भावना से कार्य करना और एक-दूसरे पर भरोसा रखना ही सच्चे कर्मयोग का आधार है। जीवन पारस्परिक स्वावलंबिता से चलता है, इसलिए शिक्षण संस्थान में भी स्वावलंबन और समग्रता का भाव होना चाहिए।

कुलपति ने आगे कहा कि निजता का परित्याग कर सामूहिकता की भावना से कार्य करना चाहिए। दृढ़ निश्चय और परस्पर विश्वास के साथ चलना ही सच्चा कर्मयोग है। प्रेमचंद का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि “कागज की डिग्री नहीं, सेवाभाव की डिग्री ही वास्तविक होती है।” उन्होंने कहा कि कर्मयोगी बनने का अर्थ है अपने भीतर सेवा, त्याग और समर्पण की भावना को जगाना।

कार्यशाला के दौरान बताया गया कि विश्वविद्यालय की ओर से साहित्य विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. अवधेश कुमार, श्री के. के. त्रिपाठी और सहायक संपादक डॉ. अमित कुमार विश्वास को राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय भेजा गया था, जहाँ उन्होंने राष्ट्रीय कर्मयोगी प्रशिक्षण प्राप्त किया। अब वही प्रशिक्षक विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।

इस अवसर पर जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए प्रायोगिक समाचार पत्र ‘प्रयाग समय’, टीवी न्यूज़ बुलेटिन ‘प्रयाग दर्शन’ तथा भित्ति पत्रिका सृजन के नए अंक का लोकार्पण कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा ने किया। उन्होंने इस सृजनात्मक पहल के लिए जनसंचार विभाग की टीम को बधाई दी।

कार्यशाला में स्वागत वक्तव्य प्रो. अखिलेश कुमार दुबे ने दिया जबकि बीज वक्तव्य प्रो. अवधेश कुमार ने प्रस्तुत किया। अकादमिक निदेशक प्रो. अखिलेश कुमार दुबे ने कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा प्रो. अवधेश कुमार  डॉ. अमित कुमार विश्वास एवं श्री के. के. त्रिपाठी का पुष्पगुच्छ, सूत की माला और अंगवस्त्र से स्वागत किया।

कार्यशाला में डॉ. सुप्रिया पाठक डॉ. आशा मिश्रा डॉ. अख्तर आलम डॉ. हरप्रीत कौर डॉ. मिथिलेश कुमार तिवारी डॉ. यशार्थ मंजुल डॉ. सत्यवीर डॉ. विजया सिंह गीता देवी और देवमूर्ति द्विवेदी सहित कई शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय कर्मयोगी प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से कर्मचारियों में सेवाभाव, सहानुभूति और आत्मविश्वास विकसित करने का उद्देश्य रखा गया है। इससे कार्य की गति और गुणवत्ता में वृद्धि हो रही है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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