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November 14, 2025 7:54 am

मानवता की मिसाल:रेल हादसे में जान गंवाने वाले लोको पायलट के परिवार को मिला मानवीय सहारा, तीनों बेटियों की पढ़ाई और शादी का खर्च उठाएगे क्लीन कोल के डायरेक्टर

बिलासपुर। संकट की घड़ी में थोड़ी सी मदद संकटग्रस्त लोगों के लिए बहुत ज्यादा हो जाता है। यह वह दौर होता है जिसमें संकट से घिरे लोगों को ना तो कुछ दिखाई देता है और ना ही समझ में आता है। इस वक्त कहीं से कोई मदद मिल जाती है तो वह उनके लिए संजीवनी से कम नहीं होता। इसके लिए मदद के हाथ भी उठने चाहिए। संवेदना भी तो दिखनी चाहिए।
जी हां हम बात कर रहे हैं व्यवासायी व समाजसेवी, समाजसेवी इसलिए कि परोकार तो करते हैं पर बिना किसी शोरशराबे के। अपने अंदाज में परोपकार किए और फिर जरुरतमंदों के लिए फिर मदद के हाथ उठा दिए।बिलासपुर के लालखदान में 4 नवंबर को हुए दर्दनाक रेल हादसे में जहां कई परिवारों का सहारा टूट गया वहीं शहर के क्लीन कोल कंपनी के डायरेक्टर संजय अग्रवाल ने अपनी संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण पेश किया है। उन्होंने हादसे में जान गंवाने वाले लोको पायलट विद्यासागर कुशवाहा की तीनों बेटियों की शिक्षा और विवाह का पूरा खर्च उठाने का वादा किया है।

क्लीन कोल एंटरप्राइज़ प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संजय अग्रवाल ने बिलासपुर जिला कलेक्टर आईएएस संजय अग्रवाल से मुलाक़ात कर लिखित में एक पत्र सौप कर जानकारी दी है कि कंपनी के प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि हादसे से प्रभावित परिवारों को हर संभव आर्थिक और मानवीय सहायता दी जाएगी।

पत्र में कहा गया है कि कंपनी न केवल लोको पायलट की बेटियों की शिक्षा और विवाह में सहयोग करेगी बल्कि उसी हादसे में जिन परिवारों के सदस्य काल के गाल में समा गए उनके बचे हुए बच्चों की पूरी शिक्षा का खर्च भी वहन करेगी।

गहरे शोक में डूबे परिवारों के लिए संवेदनाओं का सहारा

संजय अग्रवाल ने कलेक्टर को सौंपे अपने पत्र में उल्लेख किया है कि फिलहाल दोनों परिवार गहरे शोक में हैं। स्थिति सामान्य होते ही कंपनी के प्रतिनिधि परिजनों से संपर्क कर सहायता की प्रक्रिया शुरू करेंगे।उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि सहायता केवल आर्थिक नहीं बल्कि दीर्घकालिक जिम्मेदारी के रूप में दी जाएगी ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके।

रेलवे परिवार ने जताया आभार

रेलवे कर्मचारियों और स्थानीय नागरिकों ने क्लीन कोल एंटरप्राइज़ प्राइवेट लिमिटेड के इस कदम का स्वागत किया है। लोगों ने कहा कि इस कठिन समय में कंपनी ने जो मानवीय दृष्टिकोण अपनाया है वह समाज के लिए एक मिसाल है।रेलवे परिवार ने इसे मानवता की सच्ची परिभाषा बताया और कहा कि जब प्रशासनिक तंत्र औपचारिक प्रक्रियाओं में उलझा रहता है, तब ऐसी पहलें आशा की नई किरण बनकर सामने आती हैं।

संवेदनाओं से भरा कदम, समाज में बना उदाहरण

कंपनी के निर्देशक संजय अग्रवाल के इस निर्णय ने साबित कर दिया है कि उद्योग जगत केवल लाभ के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक सरोकारों के लिए भी जिम्मेदार है। लोको पायलट विद्यासागर कुशवाहा के परिवार को यह सहायता न केवल आर्थिक राहत देगी बल्कि यह संदेश भी देगी कि समाज आज भी मानवीय भावनाओं से जुड़ा हुआ है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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