बिलासपुर। कोटा थाना क्षेत्र के करपिहा जंगल में गुरुवार को एक युवक की जली हुई लाश मिलने से सनसनी फैल गई। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि युवक की मौत करंट की चपेट में आने से हुई थी। जंगल में शिकारियों ने जानवर मारने के लिए करंट बिछाया था। जब युवक उसकी जद में आ गया तो मौके पर ही उसकी मौत हो गई। घटना छिपाने के लिए आरोपियों ने शव को घने जंगल में ले जाकर जला दिया। पांच दिन बाद जब ग्रामीणों को दुर्गंध महसूस हुई तब पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ।

कोटा टीआई तोपसिंह नवरंग ने बताया कि गुरुवार को करपिहा गांव के कुछ ग्रामीण लकड़ी बीनने के लिए जंगल गए थे। इस दौरान उन्हें तेज दुर्गंध महसूस हुई। आसपास खोजबीन करने पर झाड़ियों के बीच उन्हें एक जली हुई लाश दिखाई दी। ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू की। घटनास्थल से जीआई तार और कुछ जले हुए कपड़ों के टुकड़े भी मिले। पुलिस ने आसपास के गांवों में पूछताछ शुरू की तो पता चला कि तखतपुर क्षेत्र के छिरहापारा धुमा निवासी अयोध्या सिंह खुसरो (35) 29 अक्टूबर से लापता था। परिजन उसकी तलाश कर रहे थे, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला था। पुलिस ने जब शव के पास मिले कुछ सामान दिखाए तो परिजनों ने उसकी पहचान अयोध्या सिंह के रूप में की। जांच में सामने आया कि करपिहा और आसपास के इलाकों में कुछ लोग अवैध रूप से जंगली जानवरों का शिकार करते हैं। इसके लिए वे खेतों और जंगलों में करंट बिछा देते हैं। पुलिस को शक है कि इन्हीं शिकारियों के लगाए तार की चपेट में आकर अयोध्या की मौत हुई। मौत के बाद मामला दबाने और सबूत मिटाने के लिए आरोपियों ने शव को जंगल के भीतर ले जाकर जलाने की कोशिश की। पुलिस ने आशंका के आधार पर कुछ संदेहियों को हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं। टीआई नवरंग ने बताया कि मामले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। उनकी तलाश की जा रही है। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच के आधार पर कार्रवाई शुरू कर दी है। जल्द ही पूरे मामले का पर्दाफाश कर आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
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