बिलासपुर। हाईकोर्ट ने आर्थिक संकट के कारण पति-पत्नी के मध्य झगड़ा के बाद पत्नी पर हंसिया से हमला करने के आरोपी पति की तीन वर्ष की सजा को कम कर जेल में निरूद्ध अवधि को न्याय की पूर्ति के लिए पर्याप्त माना है। निचली अदालत ने पति को तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई थी। उसके जेल में निरूद्ध अवधि 413 दिन को सजा में बदल दिया गया है।
कवर्धा निवासी अपीलकर्ता भागवत दास वैष्णव फल बेचने का काम करता था। व्यवसाय ठीक से नहीं चलने के कारण उस पर कर्ज बढ़ता जा रहा था। इसे लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद होने लगा। इससे परेशान होकर वह घरवालों को बिना बताए कहीं चला गया था। पत्नी द्वारा गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने उसे बरामद कर पत्नी को सौंप दिया। 3 अप्रेल 2019 को सुबह 8 बजे, जब भागवत की पत्नी चावल बीन रही थी, तो भागवत दास ने हंसिया से उसकी गर्दन पर हमला कर दिया, जिसे पीड़िता ने खुद को बचाने के लिए पकड़ लिया। इसके बाद भी उसकी गर्दन, हाथ, पैर आदि पर चोटें आईं। पीड़िता की चीखें सुनकर, उनके पड़ोसी, लीलक राम साहू व अन्य आए और उसे अस्पताल लेकर गए। कवर्धा पुलिस ने धारा 307 के तहत जुर्म दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया। न्यायालय ने आरोपी को तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई। सजा के खिलाफ आरोपी पति ने हाईकोर्ट में अपील पेश की थी।
प्रधान संपादक





