रायपुर।छत्तीसगढ़ की धरती पर आस्था और भावनाओं से ओतप्रोत एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला जिसने हर किसी का मन छू लिया। राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित रजत महोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रामनामी समाज के प्रतिनिधियों की आत्मीय भेंट का वीडियो अब पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस भावनात्मक पल को अपने एक्स (X) अकाउंट पर साझा करते हुए लिखा कि यह केवल एक मुलाकात नहीं बल्कि भक्ति और कर्म के अद्भुत संगम का क्षण था।
प्रधानमंत्री श्री मोदी के रायपुर प्रवास से कुछ घंटे पहले ही मंत्रालय में मुख्यमंत्री साय की उपस्थिति में रामनामी समाज के प्रतिनिधियों से बातचीत हुई थी। उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलने की अपनी गहरी इच्छा जताई थी। मुख्यमंत्री ने तत्परता दिखाते हुए इस आत्मीय भेंट की व्यवस्था कराई।
और फिर वह क्षण आया -जब रामनाम में लीन श्रद्धालु प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष पहुंचे। पारंपरिक मोर मुकुट लेकर आए इन भक्तों ने विनम्र भाव से प्रधानमंत्री को अलंकृत करने की इच्छा व्यक्त की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जिस सहजता और स्नेह से उनका अनुरोध स्वीकार किया, उसने पूरे पंडाल का वातावरण भावविभोर कर दिया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा रामनाम जिनका धर्म रामभक्ति जिनका कर्म ऐसे अद्भुत रामनामी समाज के तन पर अंकित राम केवल शब्द नहीं बल्कि समर्पण तपस्या और अटूट आस्था का प्रतीक है।उन्होंने कहा कि यह समुदाय प्रभु श्रीराम के प्रति पूर्ण समर्पण और भक्ति का जीता-जागता उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहजता और आत्मीयता में भी वही भक्ति और कर्म का अनूठा संगम झलकता है। यह दृश्य इस सत्य को और दृढ़ करता है कि रामभक्ति केवल पूजा नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक पवित्र साधना है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कर्म और आचरण से सार्थक किया है।
यह दृश्य न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में भक्ति और मानवीय संवेदना का सशक्त प्रतीक बन गया एक ऐसा क्षण, जिसने हर हृदय को ‘राम’ से जोड़ दिया।
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