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October 29, 2025 4:09 pm

दो वरिष्ठ माओवादी नेता मुख्यधारा में शामिल, 45 साल बाद हथियार डाले

हैदराबाद।प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी के दो वरिष्ठ नेताओं ने दशकों तक भूमिगत रहने के बाद मंगलवार को तेलंगाना पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया।

तेलंगाना पुलिस के अनुसार, केंद्रीय समिति सदस्य सीसीएम पुल्लुरी प्रसाद राव उर्फ ​​शंकरन्ना उर्फ ​​चंद्रन्ना (64) और राज्य समिति सदस्य एससीएम बंदी प्रकाश उर्फ ​​प्रभात 55 ने पुलिस महानिदेशक की उपस्थिति में आत्मसमर्पण किया।

दोनों नेताओं ने राज्य सरकार की पुनर्वास नीति और मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की अपील को आत्मसमर्पण का प्रमुख कारण बताया। मुख्यमंत्री ने हाल ही में माओवादी कैडर से हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने की अपील की थी।

केंद्रीय समिति सदस्य चंद्रन्ना का जीवन परिचय

तेलंगाना के पेड्डापल्ली जिले के वडकापुर गांव के रहने वाले पुल्लुरी प्रसाद राव जिन्हें संगठन में चंद्रन्ना शंकरन्ना और सोमन्ना नामों से जाना जाता है, लगभग 45 वर्षों तक भूमिगत रहे।उनके पिता एक सरकारी स्कूल में हेडमास्टर थे।

1983 में उन्होंने सिरपुर दलम के कमांडर के रूप में अपनी भूमिका शुरू की। इसके बाद वे 1987 में डिवीजनल कमेटी सदस्य और 1992 में आदिलाबाद जिला समिति के सचिव बने।

1995 में उत्तरी तेलंगाना विशेष क्षेत्रीय समिति एनटीएसजेडसी के गठन के बाद उन्हें राज्य समिति सदस्य बनाया गया। 2008 में वे केंद्रीय समिति के सदस्य सीसीएम बने और 2015 तक एनटीएसज़ेडसी सचिव के रूप में कार्य किया।

तेलंगाना राज्य के गठन के बाद उन्होंने तेलंगाना राज्य समिति टीएससी के मार्गदर्शक के रूप में काम किया और 17 वर्षों तक केंद्रीय समिति सदस्य बने रहे।

पुलिस के मुताबिक, बिगड़ते स्वास्थ्य, घुटनों की बीमारी, आंतरिक मतभेद और लगातार दबाव ने उन्हें संगठन से अलग होने का निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया।

बंदी प्रकाश,प्रेस टीम के प्रभारी और कोयला बेल्ट समिति के सदस्य

मंचेरियल जिले के मंदमरी के निवासी बंदी प्रकाश उर्फ ​​प्रभात लगभग 42 वर्षों से भूमिगत थे। वे तेलंगाना राज्य समिति टीएससी के प्रेस टीम प्रभारी और सिंगरेनी कोयला बेल्ट समिति एससीबीसी के सदस्य थे।

मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले प्रकाश के पिता सिंगरेनी खदान में कर्मचारी थे। वे विवाहित हैं और अपने परिवार से लंबे समय से दूर रह रहे थे।

मुख्यधारा में लौटने का कारण

दोनों नेताओं ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री की अपील कमजोर स्वास्थ्य और संगठन के भीतर बढ़ते वैचारिक मतभेदों को देखते हुए हथियार छोड़ने का निर्णय लिया।

पुलिस अधिकारियों ने इसे शांति और विकास की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है।तेलंगाना सरकार ने कहा है कि दोनों नेताओं को पुनर्वास और पुनः एकीकरण कार्यक्रमों का लाभ दिया जाएगा ताकि वे समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें।

सुरक्षा एजेंसियां मान रही हैं कि इन वरिष्ठ नेताओं के आत्मसमर्पण से संगठन को रणनीतिक और मनोबल दोनों स्तरों पर बड़ा झटका लगा है।विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम तेलंगाना में माओवादी आंदोलन की गिरती पकड़ और मुख्यधारा की ओर बढ़ते रुझान का संकेत है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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