बिलासपुर। जिले में नशे के कारोबारियों के खिलाफ पुलिस लगातार बड़ी कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में सकरी पुलिस ने नशे के कारोबार से जुड़ी महिला की संपत्ति को फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जांच में सामने आया कि महिला ने अवैध कारोबार से मकान और जमीन खरीदी थी। पुलिस ने पूरी जानकारी जुटाकर मामले को सफेमा कोर्ट, मुंबई में भेजा है। कोर्ट के आदेश पर संपत्ति जब्त की जाएगी।

सकरी पुलिस और एसीसीयू की टीम को जुलाई माह में सूचना मिली थी कि चोरभट्ठी खुर्द, मुसलमान मोहल्ला निवासी कांति पांडेय और उसका बेटा गिरीश चंद पांडेय ओडिशा से मंगाए गए गांजे की बोरियां अपनी कार में भर रहे हैं। पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो मां-बेटा कार छोड़कर घर में छिप गए। तलाशी के दौरान पुलिस ने बलेनो कार से 30 किलो गांजा बरामद किया। इस मामले में पुलिस ने कांति पांडेय (46), उसका बेटा गिरीश चंद पांडेय (30), दिलेश्वर नायक (35) निवासी भठली, जिला बरगढ़ (ओडिशा) और दीपक गंडा (28) निवासी अंबाभना, जिला बरगढ़ (ओडिशा) को गिरफ्तार किया। सभी आरोपित वर्तमान में जेल में हैं।

संपत्ति की जांच कर की गई कार्रवाई
आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उनकी संपत्ति की जांच शुरू की। इसमें पता चला कि कांति पांडेय ने नशे के धंधे से करीब 15 लाख रुपये का मकान और 21 लाख रुपये की जमीन खरीदी है। एसएसपी रजनेश सिंह ने इस मामले में उत्कृष्ट जांच के लिए सुरेंद्र तिवारी को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
आगे भी की जाएगी कार्रवाई
इस कार्रवाई के दौरान महिला पुलिस जवानों को प्रलोभन भी देने लगी थी। गांजा पकड़े जाने के बाद उसने जवानों को रुपये देने की पेशकश की। इतना ही नहीं, वह अपने बेटे को आरोपित बनाकर खुद को बचाने का दबाव भी बना रही थी। हालांकि पुलिस के सख्त रुख अपनाने पर उसने सप्लायरों के नाम बताए, जिसके बाद अन्य आरोपितों को भी दबोच लिया गया। गौरतलब है कि एसएसपी रजनेश सिंह ने नशे के कारोबारियों पर आर्थिक चोट करने के निर्देश दिए हैं। इसी रणनीति के तहत अब तक जिले में सात मामलों में 19 आरोपितों की सात करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। इसके अलावा कुछ और मामलों में आरोपितों की अवैध संपत्ति की जांच चल रही है। पुलिस का मानना है कि नशे के कारोबारियों की संपत्ति जब्त होने से उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर किया जा सकेगा और इस धंधे पर लगाम लगेगी।

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