रेत के खेल में बड़े-बड़े शुरमाओं की एंट्री
छत्तीसगढ़ में इन दिनों अगर किसी की चर्चा जोरों पर है तो वह रेत ही है। रेत का बोलबाला है। बोलबाला हो भी क्यों ना। बड़े बड़ों की एंट्री हो रही है, या फिर ऐसा भी कह सकते हैं, एंट्री हो ही गई है। पड़ोसी जिले के एमएलए मोहतरमा का डीलिंग आडियो ने तो धूम मचा दिया है। एमएलए की डीलिंग में कलेक्टर से लेकर एसडीएम और राघवेंद्र सब के सब दागी हो गए हैं। रेत के खेल में कमीशनखोरी का आडियो अब सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है। आडियो जब वायरल हुआ तो उसी अंदाज में मोहतरमा ने सफाई भी पेश कर डाली। एआई जनरेटेड आडियो का फलसफा सामने ले आई। अब ये तो फोरेंसिक साइंस एक्सपर्ट ही बता पाएंगे कि एआई जनरेटेड है या फिर आडियो की कमीशनखोरी में घिरने के बाद मोहतरमा ने खुद जनरेट कर दिया। जितनी मुंह उतनी बातें। ये सोशल मीडिया का जमाना है। यहां कुछ भी अंडरग्राउंड नहीं हो सकता। एक ना एक दिन ओपन ग्राउंड होना ही है, सो आडियो भी इसी अंदाज में सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ओपन हो ही गया।
जब कलेक्टर बने गुरुजी और हल किए गणित के कठिन सवाल
जिला प्रशासन के मुखिया को अपने ही काम से फूर्सत नहीं मिल पाती। काम का उलझन ऐसा कि पूछिए मत। स्वच्छता अभियान के तहत ग्रामीण इलाकों का हाल जानने कलेक्टर संजय अग्रवाल गुरुवार को तखतपुर की ओर निकले। स्कूल का हाल जानने कैम्पस में पहुंच गए। पता चला प्रभारी प्राचार्य और एक शिक्षक बिना बताए नदारद हैं। बच्चों के पढ़ाई का स्तर जानने कक्षा में पहुंचे। बच्चे सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे थे। ना अंग्रेजी और ना ही गणित के सवालों का। कलेक्टर से रहा नहीं गया। चाक उठाई और ब्लैक बोर्ड पर गणित के सवाल हल करने लगे। बच्चों को कठिन प्रमेय को हल करने की सरल विधि बताई। कलेक्टर के गुरुजी बनने की चर्चा अब आम होने लगी है। काश, जिले के शिक्षक कलेक्टर से ही सीख ले और ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभा ले।
कप्तान की स्ट्राइक के चलते धरी रह गई ड्रग्स माफिया की चालाकी
कहते हैं ना चतुर कौंआ किसी ना किसी दिन धोखा खाता ही है, वैसा ही कुछ हुआ एक ड्रग्स माफिया के साथ। नशे के सौदागर ने इस धंधे में ना जाने कितने युवाओं व बच्चों को धकेला होगा। तभी तो करोड़ों की संपत्ति बनाई। करोड़ों रुपये जेब में रखने के बाद पुलिस और प्रशासन की आंख में धूल झोंकने की ठानी। अपनी तरफ से धूल झोंक ही दिया था। नशे के सौदागर ने गर्ल फ्रेंड के नाम प्रापर्टी खरीदी। आलीशान बंगला बनाया। कुछ दिनों तक काली कमाई का पाप छिपा रहा। तेज नजर वाले पुलिस अफसर की निगाह आलीशान बंगले पर पड़ी। अफसर ने यह बात पुलिस कप्तान को बताई। बस फिर क्या था, आपरेशन शुरू हो गया। दस्तावेज खंगाले गए। परत-दर-परत सब कुछ सामने आ गया। नशे के सौदागार की बनाई संपत्ति पुलिस ने फ्रीज कर दी। यह सब पुलिस कप्तान की सजगता के चलते ही संभव हो पाया है।
कुर्सी पलट का शुरू होगा खेल
स्कूल शिक्षा मंत्री एक्शन में नजर आ रहे हैं। कुर्सी संभालने के बाद से बिगड़ी व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुट गए हैं। एक्शन मोड में नजर आ रहे मंत्री के तेवर से वर्षों से एक ही जगह जमे सेक्शन अधिकारी और बाबुओं की अब खैर नहीं है। मंत्री ने साफ कह दिया है लंबे समय से एक ही जगह जमे बाबुओं को अधिकारियों को बदला जाए। डीईओ, बीईओ और जेडी कार्यालयों की नजर घुमाएं तो यहां के बाबुओं ने तो एक ही जगह जमे रहने का रिकार्ड ही तोड़ दिया है। खैर कोई बात नहीं, जल्द ही बदलाव नजर आएगा। जाहिर है बदलाव होगा तो करप्शन का खेल भी बंद होगा। मेडिकल बिल से लेकर बेनिफिसियल फंड तो समय पर निकलेगा।
अटकलबाजी
पड़ोसी जिले की विधायक रेत की डीलिंग में घिर गईं हैं। आडियो डायलाग में कलेक्टर,एसडीएम और राघवेंद्र भी लपेटे में आ गए हैं। जरा पता कीजिए, रेत डीलिंग एपीसोड से सबसे ज्यादा खुशी किस खेमे में है। कलेक्टर व एसडीएम का अब क्या होगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री के एक्शन मोड में आने के बाद डीईओ व बीईओ कार्यालय में किसे खो करना है और किस किसको एडजस्ट करना है। लिस्ट बनाने का काम चल रहा है। पता करिए लिस्ट कहां बन रही है।

प्रधान संपादक




