बिलासपुर। हाई कोर्ट ने मकान मालिक की याचिका मंजूर करते हुए दोनों पक्षों को एक सितंबर 2025 को रेंट कंट्रोल ट्रिब्यूनल के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता मो. मकसूद ने छत्तीसगढ़ रेंट कंट्रोल ट्रिब्यूनल रायपुर के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी।याचिकाकर्ता ने उक्त दुकान मो अय्यूब रजा को 30 हजार रुपए मासिक किश्त पर किराए पर दी थी, जो बाद में बढ़कर 5,04000 रुपए हो गई। इस कृत्य से तंग आकर, याचिकाकर्ता ने 30 जुलाई 2015 को लीगल नोटिस नोटिस भेजा, जो प 31 जुलाई 2015 को ही प्राप्त हो गया था। परन्तु उसने उसका उत्तर नहीं दिया। मामले में किरायेदार ने रेंट कंट्रोलर के बाद इसके ट्रिब्यूनल में मामला दाखिल किया था। जिस पर सुनवाई करते हुए ट्रिब्यूनल ने किरायेदार प् के पक्ष में आदेश जारी किया। इसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जस्टिस रजनी दुबे व जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच मे मामले की सुनवाई हुई। डिवीजन बेंच ने कहा बिक्री के समझौते के आधार पर किरायेदारी समाप्त करने के लिए याचिकाकर्ता का उल्लेख कानून और तथ्य का एक गलत प्रश्न है। यह सीपीसी की धारा 11 के आदेश 7 के तहत आवेदन में तय नहीं किया जा सकता है और केवल साक्ष्य प्रस्तुत करके ही तय किया जा सकता है। हाई कोर्ट ने रेंट कंट्रोल ट्रिब्यूनल के समक्ष याचिका दायर करने का निर्देश दिया है।

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