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August 10, 2025 7:19 pm

हाई कोर्ट का फैसला, टैक्सपेयर्स उपभोग की गई बिजली पर आईटीसी का नहीं है हकदार

बिलासपुर। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने माना कि, आवासीय टाउनशिप को आपूर्ति की जाने वाली बिजली के लिए उपकर पर इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध नहीं है। जस्टिस संजय के. अग्रवाल ने कहा, उत्पादित बिजली का उपयोग उसके व्यवसाय के दौरान या उसे आगे बढ़ाने में किया जाता है, जो करदाता द्वारा प्रदान किए गए फॉर्म जी से स्पष्ट है, इसलिए, करदाता अपनी टाउनशिप के रखरखाव के लिए उपभोग की गई विद्युत ऊर्जा पर आईटीसी का हकदार नहीं होगा।

करदाता याचिकाकर्ता बालको एल्युमीनियम उत्पादों के निर्माण, बिक्री और निर्यात में लगा हुआ है। करदाता माल और सेवा कर क्षतिपूर्ति उपकर के देय भुगतान पर कोयला आयात करता है और उसका उपयोग दो बिजली संयंत्रों में बिजली उत्पादन के लिए करता है, जिसका उपयोग आगे एल्युमीनियम उत्पादों के निर्माण में किया जाता है। करदाता ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 54 (1) के तहत कोयले के आयात पर चुकाए गए
हाई कोर्ट ने कहा कि, आईटीसी, डीलर को दिया जाने वाला एक प्रकार का लाभ या रियायत है और लाभार्थी इसे सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16(4) में निर्धारित शर्तों को पूरा करने के अधीन, कानून की योजना के अनुसार प्राप्त कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि, आईटीसी डीलर का मूल अधिकार नहीं है, यह केवल वैधानिक योजना के तहत डीलर को दिया जाने वाला एक प्रकार का लाभ या रियायत है, कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी ।
क्षतिपूर्ति उपकर के इनपुट टैक्स क्रेडिट की वापसी का दावा करते हुए धन वापसी के लिए आवेदन दायर किया। करदाता ने तर्क दिया कि टाउनशिप का रखरखाव व्यवसाय के क्रम में है या उसे आगे बढ़ाने के क्रम में है और इसलिए करदाता को आईटीसी वापस किया जाना चाहिए। करदाता के अनुसार, टाउनशिप का रखरखाव अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि टाउनशिप में कर्मचारी रहते हैं जो व्यावसायिक कार्यों की निरंतरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। करदाता के परिसर के दूरस्थ स्थान और टाउनशिप के रखरखाव के करदाता के विनिर्माण कार्यों से आंतरिक रूप से जुड़े होने के कारण, यह सीजीएसटी अधिनियम की धारा 2 (17) के अनुसार ‘व्यवसाय’ है और टाउनशिप को बिजली की आपूर्ति व्यावसायिक गतिविधि है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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