बिलासपुर। हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में पात्र होने के बावजूद पदोन्नति से वंचित कर दिए गए सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पदोन्नति एवं पुनर्निरीक्षित पेंशन लाभ देने का निर्देश राज्य शासन को दिया है।हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में राज्य सरकार को निर्देशित किया है कि सेवानिवृत्त उप-वनक्षेत्रपाल मंगलू राम बघेल और सीताराम को काल्पनिक पदोन्नति प्रदान करने तथा उनके पेशन लाभों का पुनः निर्धारण करने कहा है। दोनों डिप्टी रेंजर को विभागीय पदोन्नति समितियों द्वारा पात्र पाए जाने के बावजूद वन क्षेत्रपाल के पद पर पदोन्नत नहीं किया गया था। मंगलू राम बघेल और सीताराम ने अपने अधिवक्ताओं के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिन्हें 20 जून 2025 के आदेश द्वारा एक साथ निराकृत किया गया। दोनों याचिकाकर्ता वन विभाग में दीर्घकालिक सेवा करने वाले कर्मचारी हैं। जिन्होंने विभाग में सेवा की शुरुआत विभाग में अपनी सेवा का प्रारंभ 1970 के दशक के अंत और 1980 के दशक की शुरुआत में कप गार्ड के रूप में किया था। वर्ष 2008-2009 में इन्हें फॉरेस्टर पद पर और फिर वर्ष 2014 में उप वनक्षेत्रपाल के पद पर पदोन्नत किया गया।

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