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July 31, 2025 11:22 pm

आंदोलन के बाद जागे मंत्री: दिसम्बर तक सभी सड़कों को गड्ढामुक्त करने के निर्देश

विपक्ष पहले ही सड़कों की दुर्दशा को लेकर सरकार पर निशाना साधता रहा है

बिलासपुर।छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने राज्य की जर्जर सड़कों पर नाराजगी जताते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य की सभी सड़कों और पुल-पुलियों को दिसम्बर 2025 तक गड्ढामुक्त किया जाए। मंत्री साव ने लोक निर्माण विभाग की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक में चेतावनी दी कि शासन के निर्देशों की अवहेलना करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

नवा रायपुर स्थित निर्माण भवन में आयोजित इस बैठक में श्री साव ने बरसात के दौरान सड़कों की बिगड़ती स्थिति और उनके संधारण को लेकर अधिकारियों से जवाब तलब किया। उन्होंने सड़कों की परफॉर्मेंस गारंटी के तहत मरम्मत कार्यों की जानकारी ली और गुणवत्ता व समयसीमा पर विशेष जोर देते हुए कहा कि अब किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, प्रमुख अभियंता वी.के. भतपहरी, संयुक्त सचिव एस.एन. श्रीवास्तव सहित विभाग के सभी मुख्य अभियंता मौजूद रहे। वहीं, जिलों व संभागों के अधीक्षण एवं कार्यपालन अभियंता वर्चुअली जुड़े।

उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्ष 2025-26 के बजट में प्रस्तावित कार्यों की डीपीआर तत्काल भेजी जाए, ताकि इस वर्ष आठ हजार करोड़ रुपए से अधिक की योजनाएं समयबद्ध प्रारंभ की जा सकें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गुणवत्ता और मानकों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

उन्होंने निर्देशित किया कि सड़क निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी हो और निविदा शर्तों के अनुरूप ठेकेदारों से काम लिया जाए। साथ ही कहा कि सड़क सुरक्षा मानकों का गंभीरता से पालन किया जाए और भू-अर्जन कार्यों में तेजी लाई जाए।

श्री साव ने कहा कि राज्य के सभी पुलों का निरीक्षण एक माह में पूरा किया जाए और अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा विकास कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं है, अधिकारी केवल काम की रफ्तार और गुणवत्ता पर ध्यान दें।

वहीं, विभाग के सचिव डॉ. सिंह ने बरसात के बाद शुरू होने वाले कार्यों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि 60 करोड़ रुपए की सड़क सुरक्षा योजनाओं को 15 अगस्त तक स्वीकृति दिलाई जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि पुरानी सड़कों को रिनुअल प्लान में शामिल कर मरम्मत कार्यों को प्राथमिकता दी जाए।

इस सख्त रुख को हाल के जन आंदोलनों और सड़क हादसों के मद्देनजर अहम माना जा रहा है। विपक्ष पहले ही सड़कों की दुर्दशा को लेकर सरकार पर निशाना साधता रहा है, वहीं अब उप मुख्यमंत्री की सक्रियता को राजनीतिक दबाव में लिया गया फैसला बताया जा रहा है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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