Explore

Search

September 14, 2025 1:29 am

R.O. N0.17

Advertisement Carousel

पीडब्ल्यूडी मंत्री के इलाके में सड़क की ऐसी बदहाली, केंद्रीय राज्य मंत्री को करना पड़ा विरोध का सामना

ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए केंद्रीय मंत्री को काफिले के साथ वापस लौटना पड़ा ,पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव के विधानसभा क्षेत्र और गृह जिले की सड़क की हालत ऐसी बदतर है तो प्रदेशभर की सड़कों की हालत कैसी होगी

बिलासपुर। लोक निर्माण मंत्री अरुण साव और केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू संयोगवश एक ही जिले और एक ही विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। लोरमी विधानसभा से दो बार के विधायक और अब बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू का अपने संसदीय क्षेत्र में लगातार दौरा चल रहा है। गृह जिला मुंगेली और गृह ग्राम से सड़क मार्ग से उनकी आवाजाही होती रहती है। बारिश के दिनों में खराब मौसम और लगातार बारिश के सड़कों की हालत बदतर हो गई है। खराब सड़कों का खामियाजा केंद्रीय मंत्री तोखन साहू को भुगतना पड़ा है।

ग्रामीणों के भारी विरोध और घेराव के चलते उनको वापस लौटना पड़ा। ग्रामीणों का गुस्सा ऐसा कि केंद्रीय मंत्री के काफिले को रोककर ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों का गुस्सा केंद्रीय राज्य मंत्री पर जमकर फूटा। विरोध का आलम ऐसा कि ग्रामीणों ने सड़क को घेरा तो फिर हटने का नाम नहीं लिया। विरोध और ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए केंद्रीय मंत्री को काफिले के साथ वापस लौटना पड़ा गया। पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव के विधानसभा क्षेत्र और गृह जिले की सड़क की हालत ऐसी बदतर है तो फिर आज सहज रूप से प्रदेशभर की सड़कों की हालत की कल्पना कर सकते हैं। विभाग के अधिकारी हैं कि मंत्री का डर भी नहीं रहा। जब गृह जिले की हालत ऐसी हो तो प्रदेश के दूसरे जिले के निवासियों को तो पूरी बारिश बदहाल सड़कों पर चलने का दंश तो झेलना ही पड़ेगा। गृह जिले के ग्रामीणों का आंदोलन चक्का जाम और केंद्रीय राज्य मंत्री के काफिले के वापस लौटने को आप क्या समझते हैं। मंत्री का अफसरों पर ना तो नियंत्रण रह गया है और ना ही कामकाज पर ध्यान। आम जनता इस दंश को पल-पल झेल और भुगत रही है।


गौर करिए बीते दिनों हाई कोर्ट में जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने विभाग के अफसरों को फटकार लगाते हुए तल्ख टिप्पणी की थी। प्रदेशभर में सड़कों की हालत कुछ ऐसी ही है। हाई कोर्ट की सख्ती के बाद भी हालात में सुधार की गुंजाइश नजर नहीं आ रही है। तभी तो मनियारी नदी के पास केंद्रीय राज्य मंत्री को ग्रामीणों व युवाओं के गुस्से का सामना करना पड़ा और काफिले के साथ वापस लौटना पड़ा।
बेमेतरा, मुंगेली, राजनांदगांव, जशपुर, बिलासपुर और खैरागढ़ जिलों में आठ राज्य सड़क खंडों के विकास के लिए सीआरआईएफ से वित्तीय वर्ष 2024-25 में 892 करोड़ 36 लाख रुपए की स्वीकृति केंद्र सरकार द्वारा दी गई है।

बेमेतरा और मुंगेली जिले में नांदघाट- मुंगेली सड़क खंड और बेमेतरा-नवागढ़-मुंगेली सड़क खंड का चौड़ीकरण किया जा रहा है।राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव-चौकी-मोहला मानपुर सड़क खंड, जशपुर जिले के बागबहार-कोतबा सड़क खंड, लुड़ेंग-तपकरा-लावाकेरा सड़क खंड और जशपुर-आस्टा-कुसमी सड़क खंड और बिलासपुर जिले के सिरगिट्टी-सरवानी-पसीद-अमलडिहा-बरतोरी-दगोरी सड़क खंड को इसमें शामिल किया गया है। जिस मार्ग में मंत्री को रोका गया, वहां के लिए कोई विशेष फंड नहीं दिया गया है, केवल रुटीन बजट से काम चल रहा है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

CRIME NEWS

BILASPUR NEWS