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July 7, 2025 2:03 am

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हाई कोर्ट की सख्ती के बाद शिक्षिका को मिला न्याय, तबादला आदेश निरस्त

दुष्कर्म पीड़िताओं के लिए राहत, मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू,36 मामलों के आधार पर दायर हुई थी जनहित याचिका-


बिलासपुर: प्रदेश में दुष्कर्म की घटनाओं से प्रभावित महिलाओं को मुआवजा न मिलने को लेकर दायर जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बुधवार को अंतिम सुनवाई करते हुए याचिका का निराकरण कर दिया। कोर्ट को सूचित किया गया कि राज्य शासन ने 40 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है, जो अब जिलों के जरिए पीड़िताओं को प्रदान की जाएगी।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं के लिए एक विशेष मुआवजा योजना लागू की थी, जिसका उद्देश्य उनके पुनर्वास और सहायता सुनिश्चित करना था। योजना के तहत प्रदेश में अब तक लगभग 6,000 आवेदन प्राप्त हुए थे, लेकिन बड़ी संख्या में पीड़ितों को अब तक मुआवजा नहीं मिल पाया था। शासन की ओर से इस योजना को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) की जिम्मेदारी बताते हुए शुरुआत में अपेक्षित ध्यान नहीं दिया गया। परिणामस्वरूप, केवल उन्हीं पीड़ितों को मुआवजा मिल सका जिन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया।

36 मामलों के आधार पर दायर हुई थी जनहित याचिका-


समाजसेवी सत्यभामा अवस्थी ने अधिवक्ता देवेश कुमार के माध्यम से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मांग की थी कि 2018 की इस योजना का पूर्ण और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। याचिका में यह भी बताया गया कि प्रदेश में ऐसे 36 मामले सामने आए हैं जिनमें पीड़िताओं को मुआवजा नहीं मिल पाया।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से गृह सचिव ने एक शपथपत्र दाखिल कर कोर्ट को अवगत कराया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (सालसा) के निर्देश पर पीड़ित महिलाओं के मुआवजे के लिए 40 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी, जिसे अब सभी जिलों में वितरित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। राज्य शासन ने बताया कि यह राशि संबंधित जिलों के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को भेज दी गई है और वे आवेदनकर्ताओं को मुआवजा प्रदान करने की प्रक्रिया में लगे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि वर्ष 2018 से अब तक कुल 5,500 आवेदन सालसा को प्राप्त हुए हैं, जिनमें से अधिकांश पर अब कार्रवाई की जा रही है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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