हाई कोर्ट ने दिया छह सप्ताह के भीतर नियुक्ति देने का आदेश




बिलासपुर. हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में रायपुर की राधा डडसेना को न्याय दिलाते हुए कमर्शियल कोर्ट को निर्देशित किया है कि उसे छह सप्ताह के भीतर असिस्टेंट ग्रेड-3 पद पर नियुक्त किया जाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वेटिंग लिस्ट एक वर्ष तक मान्य रहती है और यदि चयनित अभ्यर्थी त्यागपत्र देता है, तो वेटिंग सूची में शीर्ष पर रहे अभ्यर्थी को नियुक्ति देना अनिवार्य है। यह मामला कमर्शियल कोर्ट रायपुर में असिस्टेंट ग्रेड-3 के दो रिक्त पदों की भर्ती से जुड़ा है, जिसके लिए 16 जून 2023 को विज्ञापन प्रकाशित हुआ था। इनमें एक पद अनारक्षित और दूसरा ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित था। चयन के बाद ओबीसी पद पर विक्रांत देवांगन को नियुक्त किया गया था। वहीं राधा डडसेना ने भी परीक्षा उत्तीर्ण की और उन्हें वेटिंग लिस्ट में प्रथम स्थान पर रखा गया।
कुछ माह बाद विक्रांत देवांगन को शिक्षक के पद पर चयन हो गया, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद राधा डडसेना ने वेटिंग सूची के आधार पर नियुक्ति की मांग की। उन्होंने कमर्शियल कोर्ट में आवेदन दिया, लेकिन कोर्ट ने इसे यह कहकर नामंजूर कर दिया कि एक बार नियुक्ति हो जाने के बाद कोई दावा शेष नहीं रहता।
इस फैसले को चुनौती देते हुए राधा डडसेना ने अधिवक्ता अच्युत तिवारी के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। जस्टिस एन. के. व्यास की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद कहा कि, नियमों के अनुसार वेटिंग लिस्ट एक वर्ष तक मान्य होती है। यदि चयनित अभ्यर्थी ने ज्वाइन करने के बाद त्यागपत्र दे दिया है, तो वह पद रिक्त माना जाएगा और उस पर वेटिंग सूची में पहले स्थान पर रहे अभ्यर्थी को नियुक्त किया जाना चाहिए। इस तर्क के साथ हाई कोर्ट ने कमर्शियल कोर्ट को निर्देशित किया कि वह 6 सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता राधा डडसेना को असिस्टेंट ग्रेड-3 पद पर नियुक्त करे।




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