बिलासपुर | रतनपुर के प्रसिद्ध लखनी देवी मंदिर के पीछे पहाड़ी जंगल में भीषण आग लग गई है। आग की लपटें तेजी से फैल रही हैं और इसका धुआं पूरे क्षेत्र में फैल चुका है। स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है, बावजूद इसके न वन विभाग हरकत में आया है और न ही नगर पालिका या फायर ब्रिगेड ने कोई कार्रवाई की है।

स्थानीय लोगों और मंदिर प्रबंधन की ओर से आग की सूचना प्रशासन को दी जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई राहत या बचाव कार्य शुरू नहीं हो सका है। मंदिर समिति के कुछ लोग अपनी जान जोखिम में डालकर आग बुझाने का प्रयास कर रहे हैं, पर संसाधनों के अभाव में उन्हें सफलता नहीं मिल रही।

आग की गंभीरता को देखते हुए आसपास की बस्तियों में भी खतरा मंडरा रहा है। लोगों ने नगर पालिका अधिकारियों को फोन कर स्थिति से अवगत कराने की कोशिश की, लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला। वहीं वन विभाग के कर्मचारी भी मूकदर्शक बने हुए हैं।
यह कोई पहली बार नहीं है जब लखनी देवी पहाड़ पर आग लगी हो। पिछले साल भी ऐसी ही घटना सामने आई थी, जब मंदिर कर्मचारी हरिहर तंबोली ने अपने साथियों के साथ मिलकर आग बुझाने की कोशिश की थी। दिनभर की मशक्कत के बाद जब वे घर लौटे, तो तबीयत बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई थी। इस दर्दनाक घटना के बावजूद आज तक ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए कोई स्थायी व्यवस्था नहीं की गई है।
स्थानीय नागरिकों में प्रशासन की लापरवाही को लेकर भारी रोष है। उनका कहना है कि यदि समय रहते फायर ब्रिगेड और वन विभाग की टीमें मौके पर पहुंचें, तो आग पर काबू पाया जा सकता है और जनहानि से बचा जा सकता है। फिलहाल मंदिर समिति के लोग अपने स्तर पर आग बुझाने में लगे हैं, लेकिन संसाधनों और मदद के अभाव में वे बेबस महसूस कर रहे हैं।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन