नारायणपुर। अबूझमाड़ के घने जंगलों में नारायणपुर पुलिस और आईटीबीपी के संयुक्त माड़ बचाव अभियान को एक और बड़ी सफलता मिली है। जिले के कोहकामेटा थाना क्षेत्र अंतर्गत कसोड़-कुमुरादी के जंगल में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसके बाद भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री, हथियार, नक्सली साहित्य और नकदी बरामद की गई है। मुठभेड़ में कई नक्सलियों के मारे जाने अथवा घायल होने की संभावना जताई जा रही है।

डीआरजी नारायणपुर और आइटीबीपी 41वीं वाहिनी की संयुक्त टीम ने 14 अप्रैल अभियान शुरू किया था। टीम की 15 अप्रैल को कसोड़ और कुमुरादी के बीच जंगल में करीब दो से तीन घंटे तक सशस्त्र माओवादी कैडरों और सुरक्षाबलों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। माओवादी अपने को घिरता देख, भारी मात्रा में सामग्री छोड़कर भाग गए। घटना स्थल से छह लाख रुपये नकद, 11 लैपटॉप, 50 किलो बारूद, 30 किलो शोरा, 20-20 लीटर पेट्रोल-डीजल, दो कुकर बम, एसएलआर के 130, 12 बोर के 25 और .303 रायफल के 18 जिंदा कारतूस, कार्डेक्स वायर, बिजली वायर, एक नक्सली वर्दी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, दवाइयां, टिफिन, जूते, नक्सली साहित्य समेत दैनिक उपयोगी सामान बरामद किए गए। विस्फोटक और खतरनाक सामग्री को सुरक्षा मानकों के तहत मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। यह सफलता माओवादियों को आर्थिक और रणनीतिक दोनों स्तर पर करारा झटका मानी जा रही है। पुलिस का कहना है कि अभियान के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि अबूझमाड़ में नक्सलियों के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं बचा है।

अबुझमाड़ अब शांति की ओर अग्रसर: एसपी प्रभात कुमार
एसपी प्रभात कुमार ने कहा कि हमारा उद्देश्य अबूझमाड़ के निवासियों को माओवादी विचारधारा से मुक्त कर, विकास और शांति की दिशा में ले जाना है। उन्होंने नक्सलियों से आत्मसमर्पण की अपील की और कहा कि अब समय है कि माड़ को मूलवासियों को लौटाया जाए। उन्होंने नक्सलवादियों को हथियार छोड़कर विकास में साथ देने कहा है।
आत्मसमपर्ण के अलावा कोई रास्ता नहीं: आईजी सुंदरराज पी

आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि वर्ष 2025 की शुरुआत से ही सुरक्षा बलों ने डीकेएसजेडसी, डीव्हीसी, एसीएम जैसे बड़े नक्सली कैडरों को गंभीर क्षति पहुंचाई है। अब माओवादी संगठनों के पास आत्मसमर्पण के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने हिंसा छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ने की अपील की। इससे बस्तर के विकास को नई दिशा मिलेगी।

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