छतीसगढ़ ।प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की मुहिम लगातार तेज होती जा रही है। ताजा मामला कोरबा जिले से सामने आया है, जहां एसीबी बिलासपुर की टीम ने हरदीबाजार थाना में पदस्थ एक सहायक उप निरीक्षक मनोज मिश्रा को 10 हज़ार रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई शुक्रवार 5 अप्रैल को थाना कोतवाली परिसर में की गई।





क्या है पूरा मामला



एसीबी के सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार, केसला निवासी प्रार्थी पंचराम चौहान ने एसीबी बिलासपुर कार्यालय में एक लिखित शिकायत दी थी। उसने बताया कि उसके पास एक बोलेरो वाहन है। कुछ दिन पहले देर रात लगभग 1 बजे एएसआई मनोज मिश्रा उसके घर पहुंचा और आरोप लगाया कि उसकी गाड़ी से डीजल चोरी का काम होता है। इस आधार पर वह बोलेरो को थाने ले जाने की बात कहने लगा।

इसी दौरान शिकायतकर्ता गाड़ी लेकर थाने के लिए निकला, लेकिन रास्ते में एएसआई मनोज मिश्रा ने कार्रवाई से बचाने के एवज में 50 हज़ार रुपए की मांग की। जब प्रार्थी ने इतनी रकम देने में असमर्थता जताई, तो आरोपी ने गाड़ी को जब्त कर लिया। अगले दिन सुबह वाहन लौटा दिया गया, लेकिन यह चेतावनी दी गई कि जल्द पैसे की व्यवस्था कर ली जाए।
प्रार्थी पहुँचा एसीबी के पास की शिकायत ,रंगेहाथ पकड़ा गया एएसआई मनोज मिश्रा

इसी बीच प्रार्थी परेशान होकर एसीबी के समक्ष पेश होकर अधिकारियो को अवगत कराया कि एएसआई द्वारा अवैध तरीके से रिश्वत की राशि की माँग की जा रही है ।एसीबी ने शिकायत और आवश्यक कार्रवाई पूरी करने के बाद 5 अप्रैल को एसीबी ने प्रार्थी को 10 हज़ार रुपए की राशि के साथ एएसआई मनोज मिश्रा के पास भेजा। जैसे ही आरोपी ने थाना कोतवाली परिसर में उक्त राशि स्वीकार की, एसीबी टीम ने उसे रिश्वत की रकम सहित धर दबोचा।
एसीबी की छठवीं कार्यवाई,पुलिस विभाग में हलचल

एएसआई मनोज मिश्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। गौरतलब हो कि प्रदेश में बीते 7 महीनों में पुलिस विभाग पर यह छठवीं कार्रवाई है।इस कार्यवाई को लेकर कोरबा ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में दिन भर यह घटना चर्चा का विषय बनी रही क्योंकि मामला रक्षक से जुड़ा हुआ था ।पुलिस विभाग के एएसआई पर एसीबी की इस कठोर कार्रवाई की सर्वत्र सराहना की जा रही है।

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