सरगुजा रेंज में अपनी तरह की पहली कार्रवाई




जशपुर, 22 मार्च 2025 जशपुर पुलिस ने ऑपरेशन “आघात” के तहत सफेमा (SAFEMA) कोर्ट मुंबई के माध्यम से कुख्यात गांजा तस्कर हीराधर यादव की करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति फ्रीज कराई है। यह सरगुजा रेंज में अपनी तरह की पहली कार्रवाई है, जो आईजी सरगुजा रेंज अंकित गर्ग और एसएसपी शशि मोहन सिंह के निर्देशन में की गई।



गांजा तस्करी का बहुत बड़ा सरगना था हीराधर यादव

जशपुर जिले के एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि हल्दीझरिया थाना बागबहार निवासी हीराधर यादव लंबे समय से ओडिशा से गांजा लाकर छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में अवैध व्यापार कर रहा था। पुलिस ने उसे 27 किलोग्राम गांजे के साथ पकड़ा था, जिसके खिलाफ अपराध क्रमांक 94/2024 धारा 20(बी)(ii)(सी) के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके अलावा, सीतापुर थाना क्षेत्र में भी उसके खिलाफ 2014 और 2016 में गांजा तस्करी के दो मामले दर्ज हैं।
कड़ी नाकेबंदी के बाद पकड़ा गया था हीराधर यादव?

2 जून 2024 को पुलिस को गांजा तस्करी की सूचना मिली थी। ग्राम पीठाआमा चौक के पास नाकाबंदी के दौरान एक कार (CG 13 AW 4063) को रोका गया, लेकिन उसमें सवार लोग अंधेरे और बारिश का फायदा उठाकर भाग निकले। पुलिस ने कार से 27 किलोग्राम गांजा बरामद किया और एक 16 वर्षीय नाबालिग को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने बताया कि गांजा हीराधर यादव का था। इसके बाद पुलिस ने 26 अगस्त 2024 को हीराधर यादव और 10 अक्टूबर 2024 को उसके साथी महेश यादव को गिरफ्तार कर लिया।
एसएसपी के निर्देश पर अवैध संपत्ति पर की गई कार्रवाई

जशपुर पुलिस ने हीराधर यादव की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति की जांच की तो सामने आया कि पिछले तीन वर्षों में उसके और उसके परिवारजनों के खातों में 1.50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा की गई थी। उसने गांजा तस्करी से 5 वाहन (2 कार, 2 मोटरसाइकिल, 1 ट्रैक्टर) और एक दोमंजिला मकान खरीदा था, जिसकी कुल कीमत 1,38,82,134 रुपये थी।


इस संपत्ति को फ्रीज करने के लिए पुलिस ने विभिन्न विभागों से जानकारी एकत्र कर सफेमा (SAFEMA) मुंबई कोर्ट में प्रस्तुत की। आरोपी को अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया गया, लेकिन कोर्ट ने पुलिस के आर्थिक अन्वेषण को सही ठहराते हुए उसकी संपत्ति जब्त करने की पुष्टि की।
तस्कर सुधर जाए या फिर जिला छोड़ दे,आगे भी जारी रहेगी कार्रवाई

एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि यह जशपुर जिले में सफेमा के तहत की गई पहली कार्रवाई है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी अवैध नशा तस्करी में शामिल आरोपियों के खिलाफ ऐसी ही कठोर कार्रवाई की जाएगी।श्री सिंह ने कहा कि ऐसे लोग जो भी है वो या सुधार जाए या फिर जिला छोड़ दे किसी भी सूरत में ग़लत काम करने वालो को बख्शा नहीं जाएगा ।प्रदेश के मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस की नीति पर अपराध मुक्त छत्तीसगढ़ बनने की दिशा में पुलिस काम करेगी ताकि प्रदेश में अपराधियों के हौसले पस्त हो सकें और पुलिस का मनोबल भी ऊँचा रहे ।

प्रधान संपादक