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July 1, 2025 11:52 pm

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तेजतर्रार आईपीएस रजनेश सिंह बने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सरकार ने जारी किया आदेश

13 वर्षों की सेवा के बाद बड़ी पदोन्नति, नक्सल विरोधी अभियानों और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में निभाई अहम भूमिका

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बिलासपुर, 18 मार्च 2025: छत्तीसगढ़ शासन ने भारतीय पुलिस सेवा आईपीएस के कर्तव्यनिष्ठ और तेजतर्रार अधिकारी रजनेश सिंह को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसएसपी के पद पर पदोन्नत किया है। यह पदोन्नति 1 जनवरी 2025 से प्रभावी मानी जाएगी।

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प्रदेश के गृह (पुलिस) विभाग ने हाल ही में 13 वर्षों की सेवा पूरी करने वाले आठ आईपीएस अधिकारियों को पदोन्नति प्रदान की थी, लेकिन तकनीकी कारणों से 2012 बैच के अधिकारी रजनेश सिंह का नाम सूची में शामिल नहीं हो सका था। सरकार ने इस त्रुटि को संज्ञान में लेते हुए 18 मार्च 2025 को संशोधित आदेश जारी कर उन्हें चयन श्रेणी वेतनमान (लेवल-13) में पदोन्नति दी है। उनके वेतनमान को ₹1,23,100 – ₹2,15,900 के स्तर पर स्वीकृत किया गया है। प्रदेश के गृह विभाग के सचिव हिम शिखर गुप्ता ने इस आदेश जारी किया है ।

रजनेश सिंह के कॅरियर की अहम उपलब्धियां

रजनेश सिंह ने 1997 में राज्य पुलिस सेवा में बतौर उप पुलिस अधीक्षक (DSP) अपने कॅरियर की शुरुआत की थी। बाद में 2012 में वे भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चयनित हुए। उनकी बेहतरीन सेवाओं के लिए 2017 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था।

अपनी सेवा के दौरान उन्होंने रायपुर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, धमतरी, नारायणपुर और बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी निभाई है।

बिलासपुर में ही नहीं नक्सल मोर्चे और आतंकवाद विरोधी अभियानों में सख्त अधिकारी की छवि

बिलासपुर में ही नहीं बल्कि बस्तर में भी तैनाती के दौरान नक्सल विरोधी अभियानों में उनकी भूमिका बेहद अहम रही। उन्होंने कई सफल ऑपरेशनों का नेतृत्व किया, जिससे नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिली।

आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) में सेवाएं देते हुए उन्होंने बहुचर्चित पटना-बोधगया ब्लास्ट से जुड़े आतंकियों की गिरफ्तारी में भी बड़ी भूमिका निभाई थी।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो एसीबी में भी रहते हुए उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल भ्रष्टाचार मामलों पर कार्रवाई की, जिससे उनकी छवि एक सख्त, निडर और निष्पक्ष अधिकारी के रूप में बनी।रजनेश सिंह की पदोन्नति उनके बेहतरीन ट्रैक रिकॉर्ड, समर्पण और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में शानदार कार्यक्षमता का प्रमाण है। उन्होंने नक्सल मोर्चे से लेकर संगठित अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की है।”

उनकी इस पदोन्नति को कानून-व्यवस्था की मजबूती की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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