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April 24, 2025 6:30 am

निस्तारी भूमि पर कब्ज़ा , कलेक्टर ने दिए जाँच के आदेश,4 को नोटिस

गर्मी में आगजनी की घटनाओं से सतर्क रहने और निपटने के निर्देश

सिम्स में इलाज में हुई लापरवाही की जांच कर दो दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश

बिलासपुर, 18 मार्च 2025 – जिले में निस्तार भूमि को निजी स्वामित्व में दर्ज करने के मामलों की जांच के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर अवनीश शरण ने इस संबंध में प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए इसे टीएल (टाइम-लिमिटेड) पंजी में दर्ज कराया है। उन्होंने चारों एसडीएम को मामले की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।

सोमवार को आयोजित टीएल बैठक में कलेक्टर ने राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं और लंबित महत्वपूर्ण मामलों की समीक्षा की। इस दौरान नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, डीएफओ सत्यदेव शर्मा, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल समेत अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

सिम्स में इलाज में हुई लापरवाही की जांच कर दो दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश

बैठक में कलेक्टर ने सिम्स में एक मरीज को गलत इंजेक्शन लगाए जाने की घटना पर भी संज्ञान लिया। उन्होंने इस मामले की जांच कर दो दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश सिम्स के डीन को दिए हैं।

इसके अलावा, सीपत में पांच साल पहले बने 100 बेड के अस्पताल के बिना उपयोग के खंडहर में तब्दील होने के मामले में भी जांच के आदेश दिए गए हैं। इसके लिए पांच अधिकारियों की टीम गठित की गई है, जो 10 दिनों के भीतर जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी।

निस्तारी भूमि के अवैध स्वामित्व पर जाँच शुरू

कोटा राजस्व अनुविभागीय अधिकारी ने कलेक्टर के निर्देश पर जांच शुरू कर दी है। कोटा तहसील में 507 में से 163 व्यक्तियों को नोटिस जारी किए गए हैं, जबकि बेलगहना में 1545 में से 862 और रतनपुर में 210 में से 196 मामलों में नोटिस भेजे जा रहे हैं। इन सभी मामलों में संबंधित पक्षों से यह पूछा जाएगा कि निस्तारी भूमि को निजी स्वामित्व में दर्ज कराने का आदेश किस आधार पर दिया गया।

तखतपुर, मस्तुरी और बिल्हा के एसडीएम को भी इसी तरह की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि निस्तार भूमि में चारागाह, श्मशान, कब्रिस्तान, गोठान, बाजार स्थल, तालाब और अन्य सामूहिक उपयोग की जमीनें आती हैं, जिन्हें निजी स्वामित्व में दर्ज नहीं किया जा सकता।

कलेक्टर ने दिया कृषि विभाग के चार अफसरों को नोटिस

एग्रीस्टेक योजना के तहत किसान पंजीयन की धीमी प्रगति पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई। उन्होंने पाया कि कृषि विभाग के अधिकारी इस कार्य को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं। इस पर कलेक्टर ने बिल्हा, तखतपुर, मस्तुरी और कोटा के एसएडीओ (सहायक संचालक कृषि) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

जिन अधिकारियों को नोटिस दिया गया है, उनमें बिल्हा के आर.एस. गौतम, तखतपुर के ए.के. सत्यपाल, मस्तुरी के ए.के. आहिरे और कोटा के रामावतार साहू शामिल हैं। कलेक्टर ने सभी आरएईओ (राज्य कृषि विस्तार अधिकारी) को प्रतिदिन 100 पंजीयन पूरा करने और 25 मार्च तक लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। निर्धारित समय में सुधार नहीं होने पर निलंबन की चेतावनी भी दी गई है।

गर्मी में आगजनी की घटनाओं से सतर्क रहने और निपटने के निर्देश

गर्मी के बढ़ते असर को देखते हुए कलेक्टर ने प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अग्निशमन विभाग, पुलिस और बिजली विभाग को अलर्ट रहने को कहा है। वन विभाग को जंगलों में आग लगने की संभावनाओं को देखते हुए विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

कलेक्टर ने होम गार्ड्स और नगर निगम की दमकल टीमों को 24 घंटे तैयार रहने को कहा है। इसके अलावा, पीएम पोर्टल और सीएम जनदर्शन में लंबित आवेदनों की समीक्षा करते हुए उन्होंने एक सप्ताह के भीतर सभी लंबित मामलों के समाधान के निर्देश दिए हैं।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन

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