बिलासपुर, 06 मार्च 2025 एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) की सीएसआर पहल ‘एसईसीएल की धड़कन’ के तहत बिलासपुर जिले में जन्मजात हृदय रोग (सीएचडी) से पीड़ित बच्चों की निशुल्क जांच के लिए दो विशेष शिविर आयोजित किए गए। ये शिविर 3 और 5 मार्च को मस्तूरी एवं कोटा में लगाए गए, जिसमें श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल का सहयोग मिला। इन शिविरों में कुल 75 बच्चों की हृदय संबंधी जांच की गई, जिसमें से 30 बच्चे जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित पाए गए।
30 बच्चों को मिलेगा निःशुल्क ऑपरेशन

एसईसीएल ने इन 30 चिन्हित बच्चों के निःशुल्क इलाज और ऑपरेशन की जिम्मेदारी ली है। इनका इलाज रायपुर स्थित श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में किया जाएगा, जहां इन्हें विशेषज्ञ चिकित्सकीय देखभाल उपलब्ध कराई जाएगी।
एसईसीएल की धड़कन: एक सफल पहल

कोल इंडिया की ‘नन्हा सा दिल’ परियोजना के तहत एसईसीएल ‘एसईसीएल की धड़कन’ कार्यक्रम संचालित कर रहा है। इस पहल के माध्यम से कंपनी अपने संचालन क्षेत्रों में बच्चों की जन्मजात हृदय संबंधी बीमारियों की स्क्रीनिंग, इलाज और देखभाल की सुविधा निःशुल्क प्रदान कर रही है।

अब तक एसईसीएल ने इस परियोजना के तहत 75 बच्चों की सफल सर्जरी करवाई है। कोयला क्षेत्रों में इस पहल से हो रहे लाभ को देखते हुए कंपनी ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कोयला क्षेत्रों में जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित 300 बच्चों के इलाज एवं सर्जरी के लिए ₹4.71 करोड़ की मंजूरी दी है।
हर जरूरतमंद बच्चे को मिलेगी मदद

एसईसीएल की धड़कन’ पूरी तरह से एसईसीएल के सीएसआर कार्यक्रम के तहत वित्त पोषित है। इस पहल का उद्देश्य है कि कोई भी जरूरतमंद बच्चा आर्थिक कारणों से जीवन रक्षक चिकित्सा से वंचित न रहे। कंपनी की योजना इस कार्यक्रम को अन्य जिलों में भी विस्तारित करने की है, जहां सीएचडी के अधिक मामले सामने आ रहे हैं।

एसईसीएल का यह प्रयास कोयलांचल के बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है और आगे भी यह पहल नन्हे दिलों की धड़कन बनकर उन्हें नई जिंदगी देने का काम करेगी।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief