Explore

Search

March 15, 2025 12:22 am

IAS Coaching

अवैध डोलोमाइट खनन मामला: हाई कोर्ट ने शासन और ठेकेदार से मांगा जवाब

बिलासपुर। जैजैपुर तहसील के अकलसरा ग्राम पंचायत में नियमों के विपरीत की जा रही डोलोमाइट माइनिंग के मामले में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए शासन और लीजधारी अरविंद सोनी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अकलसरा गांव में अरविंद सोनी को डोलोमाइट खदान की लीज प्राप्त हुई थी, लेकिन उन्होंने नियमों का उल्लंघन करते हुए अवैध रूप से खनन शुरू कर दिया। खदान से महज 700 मीटर की दूरी पर स्थित शासकीय स्कूल के पास विस्फोटक लगाकर माइनिंग की जा रही है, जिससे विद्यालय भवन में कई जगह दरारें आ गई हैं। साथ ही, खनन क्षेत्र सड़क से भी बेहद करीब है, जिससे ग्रामीणों को लगातार खतरा बना हुआ है।
ग्रामीणों के उपयोग के लिए निर्धारित बैजंती नाले को भी ठेकेदार ने पाटकर वहां एक धर्मकांटा स्थापित कर लिया, जिससे निस्तारी का यह मुख्य स्रोत बंद हो गया है। ग्रामीणों ने पहले जिला पंचायत सीईओ, कलेक्टर और मुख्यमंत्री कार्यालय रायपुर तक शिकायतें कीं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
समस्या का समाधान न होते देख संजू चंद्रा व अन्य ग्रामीणों ने एडवोकेट जयप्रकाश शुक्ला के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। याचिका में कहा गया कि ठेकेदार ने पर्यावरणीय मानकों का पालन नहीं किया, न ही खदान क्षेत्र में वृक्षारोपण किया। इसके अलावा, लीज की निर्धारित सीमा से अधिक क्षेत्र में माइनिंग की जा रही है, जिससे भारी वाहनों के आवागमन से गांव की सड़कें भी जर्जर हो गई हैं।


इससे पहले, हाई कोर्ट ने शासन को मामले में विधिसम्मत निर्णय लेने का निर्देश दिया था, लेकिन जिला कलेक्टर ने अपनी जांच में शिकायत को खारिज कर दिया, जबकि पटवारी पंचनामे में शिकायत को सही पाया गया था। इसके बाद कोर्ट के निर्देशानुसार सुरक्षा निधि जमा करते हुए दोबारा जनहित याचिका दायर की गई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई के बाद कोर्ट ने अरविंद सोनी और शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई में दोनों पक्षों के जवाब पर निर्णय लिया जाएगा।

Ravi Shukla
Author: Ravi Shukla

Editor in chief

Read More

Recent posts