आईपीएस अमरेश मिश्रा के एसीबी की कमान संभालते ही प्रदेश में भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियो कर्मचारियो के ख़िलाफ़ एसीबी की कार्रवाई तेज हो गई है ।प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की जीरो टॉलरेंस की मंशा के अनुरूप एसीबी की गाज भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियो पर वज़्रपात बन कर गिर रही है,उसी का नतीजा है कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों कर्मचारियो की शामत आ गई है अब तक की गई कार्रवाई पर गौर करें तो भ्रष्टाचार के मामलों में साठ से ऊपर की कार्रवाई हो चुकी है जो अपने आप में एक रिकार्ड है ।एसीबी चीफ का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई और तेज होगी ऐसे लोगो के ख़िलाफ़ पीड़ित बेख़ौफ़ एसीबी में शिकायत करे पीड़ित का नाम और पहचान गुप्त रखी जाएगी ।

मुंगेली और रायगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने दो अलग-अलग मामलों में रिश्वतखोरी के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए सरकारी अधिकारियों को रंगे हाथों पकड़ लिया।
मुंगेली में एएसआई और सहयोगी रिश्वत लेते गिरफ्तार

मुंगेली जिले के लालपुर थाना में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) राजाराम साहू को एसीबी की टीम ने 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई ग्राम सूरजपुरा निवासी देवेंद्र बर्मन की शिकायत पर की गई, जिसमें बताया गया था कि उसके खिलाफ दर्ज अपराध क्रमांक 174/24 में बड़ी धाराएं जोड़ने से बचाने के एवज में आरोपी द्वारा 15,000 रुपये रिश्वत मांगी जा रही थी।
शिकायत के सत्यापन के दौरान आरोपी ने 5,000 रुपये पहले ही ले लिए थे और शेष 10,000 रुपये लेने की सहमति दी थी। एसीबी ने पूरी योजना बनाकर 24 फरवरी 2025 को प्रार्थी को रिश्वत की रकम लेकर भेजा। आरोपी ने रकम सीधे लेने के बजाय इसे पास के मेडिकल स्टोर संचालक प्रेमसागर जांगड़े को देने को कहा। जैसे ही प्रार्थी ने रिश्वत की रकम जांगड़े को सौंपी, पहले से घेराबंदी में मौजूद एसीबी की टीम ने दोनों को पकड़ लिया।
आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 और 12 के तहत कार्रवाई की जा रही है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही मुंगेली जिले में शिक्षा और राजस्व विभाग के चार अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था।
रायगढ़ में नापतौल निरीक्षक रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

रायगढ़ जिले के घरघोड़ा तहसील में पदस्थ नापतौल निरीक्षक ओलिभा किस्पोट्टा को एसीबी बिलासपुर की टीम ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। पेट्रोल पंप संचालक की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई, जिसमें बताया गया कि पेट्रोल पंप में नोजल स्टैंपिंग कराने के एवज में 20,000 रुपये रिश्वत मांगी गई थी।

सत्यापन के दौरान आरोपिया ने 10,000 रुपये पहले ही ले लिए थे और शेष 8,000 रुपये लेने के लिए सहमति दी थी। योजना के अनुसार, 24 फरवरी 2025 को प्रार्थी को रिश्वत की राशि लेकर रायगढ़ स्थित नापतौल विभाग कार्यालय भेजा गया, जहां जैसे ही आरोपिया ने रकम ली, एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
आरोपिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

भ्रष्टाचार पर लगातार शिकंजा कस रही एसीबी
रायगढ़ जिले में इससे पहले भी एसीबी ने कई अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है, जिनमें धर्मजयगढ़ के डिप्टी रेंजर मिलन भगत, किरोड़ीमल नगर के सीएमओ रामायण पांडेय, ग्राम खम्हार (खरसिया) के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के लिपिक और खरसिया के रेंजर वस्त्रकार शामिल हैं।
एसीबी की लगातार हो रही कार्रवाई से भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है, जबकि आम जनता ने इन कार्रवाइयों की सराहना की है। एसीबी सूत्रों के अनुसार, भविष्य में भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief