बिलासपुर। शेयर मार्केट में अधिक मुनाफे का लालच देकर साइबर जालसाजों ने रेलवे के एक इंजीनियर से 31 लाख रुपये की ठगी कर ली। फर्जी एप के जरिए उन्हें लाखों रुपये का मुनाफा दिखाया गया, लेकिन जब रुपये निकालने की बारी आई, तो जालसाजों ने और पैसों की मांग की। ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने रेंज साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

रेलवे कॉलोनी निवासी अनिल एक्का रेलवे में सहायक कार्यपालन अभियंता के पद पर कार्यरत हैं। कुछ समय पहले उनके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप पर मैसेज आया। यह मैसेज भेजने वाली एक युवती थी, जिसने शेयर बाजार में निवेश और अधिक मुनाफे की बात की। पहले तो अनिल एक्का ने इसे नजरअंदाज किया, लेकिन युवती की लगातार बातों से वे प्रभावित हो गए और इस निवेश में रुचि लेने लगे। इसके बाद युवती ने उन्हें एक फॉर्म भरवाया और एक लिंक भेजकर एक एप डाउनलोड करने को कहा।
एप पर निवेश करने के बाद उन्हें पहले छोटे-छोटे मुनाफे दिखाए गए। धीरे-धीरे उनकी राशि बढ़ती गई, जिससे उनका विश्वास और मजबूत हुआ। एप में कुछ महीनों में ही उन्हें 83 लाख रुपये तक का मुनाफा दिखने लगा। जब उन्होंने इस रकम को निकालने की कोशिश की, तो जालसाजों ने प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 20 लाख रुपये मांगे। इस पर अनिल एक्का ने बैंक से लोन लिया और दोस्तों से उधार लेकर पैसे जमा कर दिए। कुल मिलाकर उन्होंने 31 लाख रुपये इस एप में डाल दिए। लेकिन अचानक एप बंद हो गया और कोई संपर्क नहीं हो पाया।
जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ, तो वे तुरंत रेंज साइबर थाने पहुंचे और घटना की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जालसाजों की तलाश शुरू कर दी है।
फर्जी एप के जरिए दी गई ठगी को अंजाम
पीड़ित अनिल एक्का ने बताया कि जालसाजों ने उन्हें पहले अधिक मुनाफे का लालच देकर निवेश के लिए प्रेरित किया। जब उन्होंने एप डाउनलोड किया, तो उसमें उनका निवेश और मुनाफे की जानकारी दिखती रही। शुरुआत में उन्हें छोटे मुनाफे मिले, जिससे उनका विश्वास बढ़ा। तीन महीनों में ही उनकी रकम दोगुनी होती दिखाई दी, जिससे वे और निवेश करने लगे। लेकिन अचानक एप बंद हो गया और उनसे और रुपये जमा करने का दबाव बनाया गया। इसी बीच उन्होंने 31 लाख रुपये गंवा दिए और फिर उन्हें ठगी का अहसास हुआ।
लोग लालच में आकर हो रहे शिकार
हाल के दिनों में शेयर बाजार में अधिक मुनाफे के चक्कर में लोग लगातार ठगी का शिकार हो रहे हैं। इसमें पढ़े-लिखे लोग और उच्च पदों पर कार्यरत व्यक्ति भी शामिल हैं। इससे पहले एमबीए की एक छात्रा और
एक अधिकारी भी जालसाजों के झांसे में आ चुके हैं।

रेंज साइबर थाने के सीएसपी अक्षय प्रमोद सबद्रा ने बताया कि लोग बिना जांच-पड़ताल किए अधिक मुनाफे के लालच में आ जाते हैं और साइबर अपराधियों के शिकार बन जाते हैं। उन्होंने सलाह दी कि निवेश से पहले प्रमाणित एजेंसियों और विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए। साथ ही, सेबी (SEBI) से पंजीकृत कंपनियों के माध्यम से ही निवेश करना चाहिए। अनजान लिंक और एप डाउनलोड करने से बचना चाहिए, ताकि इस तरह की ठगी से बचा जा सके।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief