बिलासपुर। तखतपुर क्षेत्र के ग्राम चनाडोंगरी की एक महिला की नसबंदी के बाद मौत हो गई। उसे गांव की मितानिन मध्यप्रदेश के बुढ़ार स्थित स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी के लिए लेकर गई थी। वहां प्रक्रिया पूरी होने के बाद महिला को गांव वापस लाया जा रहा था, तभी उसकी तबीयत बिगड़ गई और रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। परिजनों ने इसे लापरवाही का मामला बताते हुए पुलिस से शिकायत की है। तखतपुर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया है, जिसकी रिपोर्ट से मौत के कारणों का खुलासा होगा।

तखतपुर क्षेत्र के चनाडोंगरी निवासी किसान कैलाश भोई की पत्नी करुणा भोई को गांव की मितानिन नसबंदी के लिए मध्यप्रदेश के बुढ़ार स्थित स्वास्थ्य केंद्र लेकर गई थी। वहां प्रक्रिया पूरी होने के बाद करुणा को वापस गांव लाया जा रहा था। रास्ते में अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई।
घटना के बाद परिजनों ने तखतपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। परिजनों का आरोप है कि नसबंदी के दौरान लापरवाही बरती गई, जिससे करुणा की जान चली गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। एएसपी अर्चना झा ने बताया कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों की पुष्टि हो सकेगी।
बड़ा सवाल: महिला को नसबंदी के लिए मध्यप्रदेश क्यों भेजा गया?
इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि तखतपुर और जिले में स्वास्थ्य केंद्र मौजूद होने के बावजूद करुणा को नसबंदी के लिए मध्यप्रदेश के बुढ़ार क्यों ले जाया गया? यह मामला स्थानीय स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और लापरवाही की ओर भी इशारा करता है। परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि जिले में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण महिलाओं को नसबंदी जैसी सामान्य प्रक्रिया के लिए भी दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के कारण महिलाओं को अतिरिक्त जोखिम उठाना पड़ रहा है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर जिले में ऐसी क्या कमी थी, जो करुणा को नसबंदी के लिए दूसरे राज्य भेजा गया।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief