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March 20, 2025 9:04 pm

IAS Coaching

कांग्रेस के निशाने पर कौन-कौन ? त्रिलोक,तैय्यब और विजय टू

तार-तार हुआ पार्टी अनुशासन, वार्ड क्रमांक 13 में जो कुछ हुआ उसके पीछे कौन, किसकी रणनीतिक चूक आई सामने

बिलासपुर। आज से ठीक दो दिन पहले कांग्रेस में जो कुछ हुआ उसकी कल्पना शायद किसी ने नहीं की थी। कम से कम बिलासपुर की राजनीति तासीर को देखकर तो नहीं। इस तरह की राजनीति बिलासपुर में तो आजतलक ना किसी ने सुना और ना ही देखा है। जो कभी सुना नहीं और देखा नहीं वही हो गया। कांग्रेस का अनुशासन तो तार-तार हुआ ही, भद्द पिटी सो अलग। सियासत में कुसूर तो देखा जाता है साथ ही जिम्मेदारी की भी बात आती है। आप अपनी जिम्मेदारी से ना तो हट सकते और ना ही बच सकते हैं। कुसूरवार को तो सजा मिलना तय है,गैर जिम्मेदार के खिलाफ भी अब कार्रवाई की चर्चा हो रही है।

निकाय चुनाव की बेला में बीते तीन दिनों से घट रही कांग्रेसी राजनीति पर पढ़िए CBN 36 की पालिटिकल एनालिसिस। ताजा एपिसोड में आने वाले दिनों में किन-किन पर सियासत,अनुशासन और गैर जिम्मेदारी को लेकर गाज गिर सकता है।
सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि कांग्रेस का नेता या फिर कार्यकर्ता अगर पार्टी की आंतरिक व्यवस्था से किसी कारणवश नाराज है या फिर उन व्यवस्थाओं में उनकी विचारधारा मेल नहीं खा पा रही है तो अपनी बात कहें रखें या फिर कहां कहे। निश्चित रूप से पार्टी का अपना अनुशासन होता है और उसी अंदाज में अपना प्लेटफार्म भी। संगठन को सुचारु रूप से चलाने के लिए पार्टी ने जिला व शहर की व्यवस्था की है और पदाधिकारियों को जिम्मेदारी भी दी है।

कमोबेश यह व्यवस्था सभी दलों में है। कांग्रेस भी इसी परिपाटी पर काम करते चली आ रही है। नगरीय निकाय चुनाव का दौर चल रहा है। कार्यकर्ता से लेकर नेता सभी को चुनाव लड़ने की चाहत होती है और टिकट की दौड़ में चाहे अनचाहे शामिल हो ही जाते हैं। पार्टी कीअपनी व्यवस्था, सर्वे,नेताओं की रायशुमारी और इन सबसे ऊपर संगठन की अपनी मर्जी। इसके बाद ही टिकटें तय हो पाती है। होता भी यही है। मौजूदा चुनाव में हुआ भी यही। टिकट वितरण को लेकर दोनों ही दलों में नाराजगी पनपनी।

भाजपा में नाराज दावेदार अपनी नाराजगी मन ही मन रखी तो कांग्रेसियों की नाराजगी उबली पड़ी और सीधे जुबान पर आ गई। सार्वजनिक मंच पर नेताओं की खिलाफत और ना जाने क्या-क्या। जाहिरतौर पर पार्टी अनुशासन की बात भी आ गई। यह सब हुआ नामांकन दाखिले के आखिरी दिन। कलेक्टोरेट परिसर में। कांग्रेस नेता व मेयर पद के दावेदार त्रिलोक श्रीवास और पार्षद पद के दावेदार तैय्यब हुसैन ने तो गजब कर दिया। दोनों दावेदारों के निशाने पर जिला व शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे।

त्रिलोक ने जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी पर सीधे हमला बोला। बकौल त्रिलोक….. विजय केशरवानी भाजपा की बी टीम की तरह काम कर रहे हैं। कांग्रेस की लुटिया डुबाने का काम कर रहे हैं। त्रिलोक यहीं नहीं रुका, आगे फिर कहा पूर्व मंत्री व बिलासपुर के विधायक अमर अग्रवाल के पिता स्व लखीराम अग्रवाल की स्मृति में क्रिकेट प्रतियोगिता किसने कराई शहरवासी अच्छी तरह जानते हैं। बेलतरा विधानसभा से 18 हजार वोटों से चुनाव हारने के बाद बोलते हैं हमने काम नहीं किया। आजतलक बेलतरा विधानसभा से किसी कांग्रेसी उम्मीदवार इतने भारी अंतर से चुनाव नहीं हारे। विजय केशरवानी अपनी नाकामी का ठिकरा हम पर फोड़ना चाहते हैं। अब तैय्यब की बयान की चर्चा करते हैं। तैय्यब ने शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय पांडेय पर सीधे हमला बोला और भाजपा की बी टीम का बड़ा मेंबर बता दिया। दोनों के हमलावार रूख को लेकर इन दिनों चर्चा भी चल रही है और सोसल मीडिया प्लेटफार्म पर वीडियो भी जमकर वायरल हो रहा है। जाहिरतौर पर पीसीसी की संज्ञान में भी इसे लाया गया है।
पीसीसी के रूख को लेकर शुरू हुई चर्चा
निकाय चुनाव के दौरान इस तरह की बातों को पीसीसी किस अंदाज में लेती है इसे लेकर अटकलबाजी का दौर जारी है। संगठन से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि यह तो सीधेतौर पर अनुशासनहीनता है। अपनी बात रखने के लिए पार्टी का उचित फोरम है। वहां बात रखनी चाहिए। सार्वजनिक जगह पर इस तरह की बातों से पार्टी की ही फजीहत होती है। संगठन से जुड़े पदाधिकारी तो यहां तक कह रहे हैं कि आने वाले दिनों में पीसीसी का अपना निर्णय भी सामने आएगा। बहरहाल अभी तो अटकलबाजी और संभावनाओं पर ही बातें हो रही है। पीसीसी का अपना क्या फैसला आता है यह देखने वाली बात होगी।

Ravi Shukla
Author: Ravi Shukla

Editor in chief

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