Explore

Search

September 14, 2025 8:56 am

R.O. N0.17

Advertisement Carousel

छग पंचायती राज अधिनियम संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका को हाई कोर्ट ने किया खारिज

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम में संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच में लंबी कानूनी बहस हुई। सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा व जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बेंच में हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है।
डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शक्तिराज सिन्हा ने कहा है कि राज्य शासन ने ओबीसी वर्ग को आरक्षण प्रदान करने वाली छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम की धारा 129 (ड.) की उपधारा (03) को विलोपित कर दिया है। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने वर्ष 3 दिसंबर 2024 को छत्तीसगढ़ पंचायत राज (संशोधन) अध्यादेश -2024 से लेकर अपना पक्ष रखा।

राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने शासन का पक्ष रखते हुए कहा कि 23 जनवरी 2025 को नया अध्यादेश राज्य शासन ने जारी कर दिया है। राज्य सरकार के द्वारा बजट सत्र में इसे विधानसभा पटल में रखने की जानकारी दी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शक्ति राज सिन्हा ने अपनी याचिका में कही बातों को दोहराया और आरक्षण संबंधी संशोधन के नियमों को लेकर पूर्व अध्यादेश पर अपनी बात रखी। अधिवक्ता ने अध्यादेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट निर्णय का संदर्भ दिया। जिस पर महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने अपनी दलील रखी। हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया है।
जिला पंचायत सूरजपुर के उपाध्यक्ष नरेश रजवाड़े ने याचिका दायर की थी। दायर याचिका में पांचवी अनुसूची में शामिल जिलों में ओबीसी वर्ग को आरक्षण प्रदान करने वाली छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम की धारा 129(ड.) की उपधारा (03) को लोप करने के लिए पिछले साल 3 दिसंबर को राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ पंचायत राज (संशोधन) अध्यादेश -2024 लाया।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

CRIME NEWS

BILASPUR NEWS