
बिलासपुर।सर्वदलीय एवं जन संगठनों के संयुक्त मंच के तत्वावधान में आज आज भारत छोड़ो आंदोलन एवं विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर पूरे देश के पैमाने पर किसान आंदोलन के समय किए गए वादों को पूरा नहीं किए जाने के विरोध में धरना दिया गया एवं सरकार से यह मांग की गई की सभी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाए ,किसान आंदोलन में मृत किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाए एवं किसानों की समस्त लंबित मांगों को जल्दी से जल्दी पूरा किया जाए ।वक्ताओं केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना की एवं बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी एवं संविधान को बचाने की चुनौतियों पर अपने विचार व्यक्त किया। शहर की समस्याओं पर बात रखते हुए वक्ताओं ने कहा कि रेलवे द्वारा मनमाने तरीके से सड़कों को बंद करके आम जनता को परेशान किया जा रहा है। केंद्रीय राज्य मंत्री ,कलेक्टर एवं विधायक के द्वारा इस विषय पर सकारात्मक पहल किए जाने के बावजूद रेलवे का हठधर्मितापूर्ण रवैया अनवत जारी है । साथ ही साथ बिलासपुर जैसे तेजी से विकसित हो रहे शहर में हवाई सेवा व्यवस्थित न होने पर वक्ताओं ने खेद व्यक्त किया एवं केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू से अनुरोध किया कि वह आम जनता की मांग को जल्दी से जल्दी पूर्ण करते हुए सरकार से बिलासा देवी एयरपोर्ट चकरभाटा से नियमित उड़ान प्रारंभ करवाने में केंद्र सरकार से पहल करें । वक्ताओं ने श्रम कानून से हो रहे खिलवाड़ पर भी चिंता व्यक्त की एवं लंबे संघर्षों के बाद प्राप्त इन अधिकारों को छीने जाने पर अपना तीव्र दोष व्यक्त किया। किसान आंदोलन की सराहना करते हुए वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान 400 पार के नारा को रोकने में किसान आंदोलन की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।वक्ताओं ने ऐसे आंदोलनात्मक कार्यक्रम सतत चलाते रखने का आह्वान किया। आज का धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता साथी नंद कश्यप ने की एवं सभा में विचार साथी रवि बैनर्जी ,एस के जैन, साथी राजेश शर्मा, साथी विभाष दास , श्याम मूरत कौशिक, गणेश निषाद, विक्रांत शर्मा, सुखऊ निषाद,अभय नारायण राय ,लालन सिंह,पवन शर्मा श्याम मूरत कौशिक ने रखे । सभा में एस के चट्टोपाध्याय, तेज सिंह चौहान, महेश्वर प्रसाद साहू,शुभ बाई,पुराईन बाई साहू,बृहस्पति सहित अनेक साथी उपस्थित थे।
सभा के अंत में किसान आंदोलन में शहीद किसानों,वायनाड त्रासदी में मृत नागरिकों एवं साथी बुद्धदेव भट्टाचार्य को श्रद्धांजलि दी गई।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief