बिलासपुर। कोहरे के कारण 66 दिनों के लिए रद्द की जा रही सारनाथ एक्सप्रेस को नियमित रूप से संचालित करने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि कोहरे का हवाला देकर यात्री ट्रेनों का संचालन रोकना अब आम बात हो गई है, जबकि मालगाड़ी का परिचालन पूर्ववत जारी रहता है। उन्होंने सवाल उठाया क्या कोहरे का असर केवल यात्री गाड़ियों पर होता है, मालगाड़ियों पर नहीं?
विधायक श्रीवास्तव ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि दुर्ग से छपरा तक चलने वाली सारनाथ एक्सप्रेस छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार-इन चार राज्यों के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु का काम करती है। यह ट्रेन बिलासपुर को प्रयागराज से जोड़ने वाला प्रमुख साधन है और प्रतिदिन हजारों यात्री धार्मिक, सांस्कृतिक तथा अन्य कार्यों हेतु इससे आवागमन करते हैं।
उन्होंने कहा कि 66 दिनों तक सारनाथ एक्सप्रेस के रद्द रहने से बिलासपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ की जनता चिंतित है। रेल प्रबंधन द्वारा कोहरे के कारण देशभर में 247 यात्री ट्रेनों को 50 से 90 दिनों के लिए रद्द किया गया है, जिससे करोड़ों यात्री प्रभावित होंगे।
इधर सारनाथ एक्सप्रेस को नियमित संचालन की मांग को लेकर सामाजिक संगठनों ने भी मोर्चा खोल दिया है। पूर्वांचल समाज, पाटलीपुत्र सांस्कृतिक विकास मंच, भोजपुरी समाज बिलासपुर तथा सहजानंद सरस्वती भूमिहार ब्राह्मण समाज संयुक्त रूप से बैठक कर 1 दिसंबर से पहले महाप्रबंधक और डीआरएम को ज्ञापन सौंपेंगे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए समाज के उपाध्यक्ष अभय नारायण राय ने कहा कि सारनाथ एक्सप्रेस छत्तीसगढ़ के आम यात्रियों से जुड़ी हुई ट्रेन है और इसके नियमित संचालन के लिए आंदोलन तेज किया जाएगा।
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