नई नीति पर पुनर्विचार की संभावना, मंत्री और चेयरमैन दोनों अवगत
नई दिल्ली।कोयला व्यापारियों के लिए राहत भरी खबर है। कोयला मंत्रालय में बुधवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में नई ई-ऑक्शन नीति पर पुनर्विचार के संकेत मिले हैं। बैठक में कोल सचिव ने भरोसा दिलाया कि व्यापार समुदाय की चिंताओं को गंभीरता से लिया गया है और जल्द ही इस पर आवश्यक निर्णय लिया जाएगा।

बैठक में सांसद चन्द्र प्रकाश चौधरी की सक्रिय मौजूदगी और सहयोग विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा। AICTA की ओर से ऋषभ जैन और संदीप केडिया ने प्रतिनिधित्व करते हुए कोयला व्यापार से जुड़ी व्यावहारिक समस्याओं को विस्तार से रखा।
सूत्रों के अनुसार कोल सचिव ने बताया कि कोयला मंत्री किशन रेड्डी स्वयं इस विषय पर चर्चा कर चुके हैं और कोल इंडिया के चेयरमैन ने भी इस नीति को वापस लेने के पक्ष में सकारात्मक रुख दिखाया है।
बैठक में संघ की ओर से यह आग्रह किया गया कि जब तक अंतिम निर्णय नहीं हो जाता तब तक हाल ही में जारी की गई नीति को स्थगित रखा जाए क्योंकि इससे कोयला उठाव और नीलामी प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। कोल सचिव ने आश्वासन दिया कि वे इस पर अपने स्तर से चर्चा कर आवश्यक कदम उठाएंगे।

ज्ञात हो कि कोल इंडिया ने हाल ही में यह निर्णय लिया है कि ई-ऑक्शन से कोयला खरीदने वाले उपभोक्ताओं को दो ग्रेड ऊपर के मूल्य का भुगतान करना होगा और वास्तविक दर बिलिंग के समय ही तय होगी। व्यापार समुदाय का कहना है कि इस व्यवस्था से उपभोक्ताओं को न केवल वित्तीय अनिश्चितता झेलनी पड़ेगी बल्कि बिक्री प्रक्रिया भी प्रभावित होगी।

जानकारी के मुताबिक बैठक का माहौल पूरी तरह सकारात्मक रहा। अधिकारियों ने संकेत दिए कि अगले 2 से 3 दिनों में इस संबंध में महत्वपूर्ण प्रगति और निर्णय संभव है।
AICTA ने इस सफलता को सामूहिक एकजुटता और निरंतर संवाद का परिणाम बताया है। संगठन ने सभी सदस्यों से अपील की है कि वे इसी तरह एकजुट रहकर कोयला व्यापार समुदाय के हितों की रक्षा के लिए साथ मिलकर कार्य करते रहें।

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