बिलासपुर। मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम डोडकी में अवैध शराब पकड़ने गए पुलिस जवानों पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। इस घटना में एक आरक्षक गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि कुछ अन्य जवानों को भी चोटें आई हैं। घायल आरक्षक को उपचार के बाद घर भेज दिया गया है, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने उसका नाम बताने से इंकार कर दिया है। बताया जा रहा है कि हमले में आरक्षक पर चाकू से वार किया गया था।

मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार देर रात मस्तूरी पुलिस को सूचना मिली थी कि डोडकी गांव में महुआ शराब बनाई जा रही है। इस पर थाने से कुछ जवान मौके पर पहुंचे। पुलिस को देखते ही शराब बनाने वाले कोचिए भड़क गए और उन्होंने जवानों पर हमला कर दिया। इसमें एक आरक्षक गंभीर रूप से घायल हो गया। वहीं, कुछ अन्य जवानों को भी हल्की चोटें आई हैं। घटना के बाद मामले को लेकर पुलिस अधिकारियों के बयान अलग-अलग सामने आ रहे हैं। डीएसपी लालचंद मोहले ने कहा कि पुलिस टीम को देखकर आरोपी नदी में कूद गए थे। उन्हें पकड़ने के लिए एक आरक्षक भी नदी में उतरा और पैर फिसलने से घायल हो गया। वहीं, थाना प्रभारी हरीशचंद्र टांडेकर ने बताया कि आरक्षक का पैर फिसलने से चोट आई और वह छुट्टी पर है।
गांव में लोगों के बीच चल रही चर्चा
गांव में इस घटना को लेकर अलग ही चर्चाएं हो रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस और कोचियों के बीच पहले से लेनदेन हुआ था। इसके बावजूद पुलिस की टीम जब कार्रवाई के लिए पहुंची तो कोचिए भड़क गए और हमला कर दिया। आरोप है कि पुलिस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है, ताकि पूरे घटनाक्रम की सच्चाई बाहर न आ सके। ग्रामीणों की मानें तो पुलिस और शराब कारोबारियों की मिलीभगत के कारण ही डोडकी और आसपास अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है। इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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