बिलासपुर। शहर में साइबर ठगी का नया मामला सामने आया है। दयालबंद के वार्ड नंबर 36 के पार्षद बंधु मौर्य को जालसाजों ने ई-चालान का फर्जी लिंक भेजकर तीन लाख रुपये से अधिक का चूना लगा दिया। घटना की शिकायत पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

दयालबंद में रहने वाले बंधु मौर्य(62) तिफरा सब्जी मंडी में सब्जियों के होलसेल व्यापारी भी हैं। उनके पास सब्जी लाने और बाहर भेजने के लिए तीन गाड़ियां चलती हैं। तीन सितंबर की शाम करीब सात बजे उनके व्हाट्सएप नंबर पर छत्तीसगढ़ पुलिस का लोगो लगा एक आरटीओ ई-चालान लिंक भेजा गया। लिंक पर क्लिक करने पर उनसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और बैंक खाते से संबंधित गोपनीय जानकारी मांगी गई। पार्षद ने इसे चालान से जुड़ा असली लिंक समझकर सभी जानकारियां भर दीं। इसके बाद उन्हें सर्वर डाउन होने का संदेश मिला और वे मोबाइल रखकर अन्य काम करने लगे। लेकिन रात 12 बजे तक उनके एचडीएफसी बैंक खाते से 10-10 हजार रुपये के दस ट्रांजेक्शन हो चुके थे। यह रकम किसी विश्वनाथ गोपे के खाते में ट्रांसफर हुई थी। इसके अलावा चार सितंबर को दो लाख रुपये एक वॉलेट में भेज दिए गए। पार्षद ने तुरंत एचडीएफसी बैंक का खाता ब्लाक कराया। इसके बावजूद तीन दिन बाद उनके पंजाब नेशनल बैंक खाते से भी पांच हजार रुपये की निकासी हो गई। नौ सितंबर को फिर से उनके खाते से पांच हजार रुपये जालसाजों ने उड़ा लिए। तब उन्हें पता चला कि उनका व्हाट्सएप नंबर पंजाब नेशनल बैंक खाते से भी लिंक है। पार्षद ने पूरे मामले की शिकायत कोतवाली थाने में की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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