बिलासपुर। किसानों को ठगने और नामी कंपनियों को करोड़ों का चूना लगाने वाला नकली कीटनाशक कारोबार बिलासपुर में पकड़ा गया है। मामला सरकंडा थाना क्षेत्र के अपोलो मोड़ का है, जहां एक कारोबारी ने झोपड़ीनुमा मकान को नकली कीटनाशक बनाने की फैक्ट्री में बदल रखा था। शिकायत पर पुलिस ने दबिश देकर बड़ी मात्रा में नकली कीटनाशक जब्त किया और आरोपी से पूछताछ शुरू कर दी है।
बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले रंजीत कुमार सिंह, जो प्रायसी डिफरेंश फोर्स इंडिया कंपनी में प्रमुख जांच अधिकारी हैं। उन्होंने सरकंडा थाना प्रभारी को लिखित शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि मुंबई की इंड्रोफिल इंडस्ट्रिज लिमिटेड और दिल्ली की कंपनी को लगातार सूचना मिल रही थी कि बिलासपुर और आसपास के जिलों में उनके नाम पर नकली कीटनाशक बेचा जा रहा है। कंपनी की जांच टीम ने शहर आकर पड़ताल की तो यह जानकारी पुख्ता हुई। जांच में सामने आया कि लिंगियाडीह, अपोलो मोड़ के पास रहने वाला रवि सोनी पिता नंद किशोर सोनी ने अपने झोपड़ीनुमा घर को ही नकली फैक्ट्री बना रखा था। वह केमिकल मिलाकर नकली कीटनाशक तैयार करता और फिर असली कंपनियों के डिजाइन से हूबहू मिलते-जुलते डिब्बों व बोतलों में भरकर नकली लेबल चिपका देता। इन नकली दवाओं को वह बाजार में कम कीमत पर सप्लाई करता था। बताया जा रहा है कि आरोपी ने न केवल बिलासपुर बल्कि आसपास के जिलों में भी इस उत्पाद की खपत बढ़ा दी थी। कंपनी अधिकारियों का कहना है कि यह न सिर्फ उनकी प्रतिष्ठा और आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधि है, बल्कि इससे किसान भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। नकली दवाओं के इस्तेमाल से कीटों से फसल की सुरक्षा नहीं हो पाती, नतीजतन किसान दवा पर खर्च करने के बावजूद फसल खो बैठते हैं। इस तरह उन्हें दोहरी क्षति उठानी पड़ती है पैसे की भी और फसल की भी। शिकायत के बाद सरकंडा पुलिस ने मौके पर दबिश दी और बड़ी मात्रा में नकली कीटनाशक जब्त किया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। अधिकारियों ने कहा कि यह मामला कॉपीराइट और ट्रेडमार्क उल्लंघन से जुड़ा है और इसमें अन्य लोगों की संलिप्तता भी सामने आ सकती है।


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