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October 15, 2025 2:27 pm

बिलासपुर स्मार्ट सिटी की हकीकत: गाड़ियों पर गुटखा, पत्रकार भी शिकार; शराबियों पर कस रही है नकेल फिर भी सुधारने को नहीं है तैयार ,एसएसपी भी क्या करें

बिलासपुर स्मार्ट सिटी है या गुटखा सिटी? जवाब आपकी गाड़ी पर चिपका है,“गुटखा थूकने वालों पर लगेगा जुर्माना या बस स्मार्ट सिटी का बोर्ड देख खुश हो लें?

गंदी आदतों पर सख्त जुर्माना और कानूनी कार्रवाई नहीं होती तब तक बिलासपुर का स्मार्ट सिटी टैग बस बोर्ड और पोस्टरों पर चमकता रहेगा और शहर की गाड़ियां गुटखे के छींटों से लाल होती रहेंगी

छत्तीसगढ़ ।बिलासपुर जिसे देश के चुनिंदा स्मार्ट सिटी में शामिल किया गया है वहां की असलियत पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हाल ही में शहर के बीचों-बीच खड़ी गाड़ियों पर पान गुटखा थूकने की शर्मनाक घटना ने साफ कर दिया है कि करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट और सुंदर पोस्टरों के बावजूद नागरिक आदतों में बदलाव नहीं आया है।

घटना में केवल आम नागरिक ही नहीं, बल्कि पत्रकार भी बन रहे हैं शिकार

पेशे से पत्रकार जो शहर की समस्याओं की आवाज उठाते हैं उनकी गाड़ी भी गुटखे के छींटों से लाल कर दी जा रही है यह न केवल संपत्ति का नुकसान है, बल्कि पेशे और सम्मान पर भी धब्बा है,ऐसा नहीं है कि ऐसी हरकत करने वालो की पहचान नहीं हो पाएगी सभी जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं असलियत सामने आने में समय नहीं लगेगा लेकिन क्या करे हरकत से बाज नहीं आयेंगे ,पता नहीं ऐसे लोग कब सुधरेंगे भाई पूरा शहर सीसीटीवी कैमरे की नजर में है ।

पुलिस भी क्या करे कहा कहा देखे

ऐसे मामलों में अक्सर कार्रवाई नहीं हो पाती क्योंकि इसे छोटी बात मानकर टाल दिया जाता है लेकिन है तो गंभीर हालांकि दूसरी तरफ सीएसपी कोतवाली गगन कुमार की टीम शराबियों और हुड़दंगियों पर लगातार नकेल कस रही है। देर रात गश्त सार्वजनिक स्थानों पर चेकिंग और नशे में हंगामा करने वालों पर कार्रवाई से शायद शहर में कुछ सुधार हो जाए लेकिन शराब दुकान के आस पास चखना दुकानों में शराबियो पर सख्ती तो बरतनी होगी ।

क्या कहते हैं बिलासपुर के नागरिक

इस संबंध में जब स्थानीय नागरिकों से बातचीत की गई तो राकेश सारथी का कहना है कि पान-गुटखा थूकना कोई छोटी बात नहीं है इससे जहाँ सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी तो फैल ही रही है लेकिन दूसरे की संपत्ति खराब करने और स्वास्थ्य के लिए खतरा भी पैदा हो रहा है अब पुलिस भी कहा कहा नज़र रखेगी अपराध तो अपराध है। अगर शराबियों को चौक चौराहों में जाँच के दौरान पर कार्रवाई हो सकती है तो गुटखा थूकने वालों पर भी होनी चाहिए ।

सवाल उठना तो लाज़िमी है 

क्या स्मार्ट सिटी का मतलब सिर्फ सड़क और लाइटें हैं या साफ-सुथरा व्यवहार भी? क्या गुटखा थूकने वालों पर उतनी ही सख्ती होगी जितनी शराबियों पर? जब तक इन गंदी आदतों पर सख्त जुर्माना और कानूनी कार्रवाई नहीं होती तब तक बिलासपुर का स्मार्ट सिटी टैग बस बोर्ड और पोस्टरों पर चमकता रहेगा और शहर की गाड़ियां गुटखे के छींटों से लाल होती रहेंगी।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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