कांग्रेस नेता ने की कथित झूठे आरोपों की कड़ी निंदा
बिलासपुर।कांग्रेस नेता त्रिलोक चंद्र श्रीवास ने कोनी-बिरकोना क्षेत्र में नगर निगम एवं राजस्व विभाग की संयुक्त कार्रवाई के बाद लगे अवैध प्लाटिंग के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि न उन्होंने और न ही उनके परिजनों ने कोई अवैध प्लाटिंग की है।
त्रिलोक श्रीवास ने जारी अपने बयान में कहा कि उनके ऊपर लगे आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं और यह एक साजिश के तहत उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास है। उन्होंने बताया कि कोनी के महल नंबर 2 में खसरा नंबर 147/3 और 172 की लगभग एक एकड़ शासकीय जमीन पर कुछ लोगों ने राजस्व विभाग की मिलीभगत से अवैध प्लाटिंग कर कब्जा कर लिया था।
कांग्रेस नेता ने कहा मैं और मेरे परिजन पिछले तीन वर्षों से इस शासकीय जमीन की अवैध प्लाटिंग के खिलाफ शिकायत कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, पर आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि नगर निगम की कल हुई कार्रवाई में खसरा नंबर 17 के तहत उनके और उनके परिजनों द्वारा 13 टुकड़ों में जमीन की बिक्री का उल्लेख किया गया है, जो तथ्यात्मक रूप से गलत है। श्री श्रीवास ने स्पष्ट किया कि खसरा नंबर 17 की भूमि के मूल स्वामी के.सी. पांडे और उनके तीन भाइयों की निजी संपत्ति है, जिसमें से कुछ हिस्सों का पारिवारिक आवश्यकता के तहत विनिमय हुआ था, न कि किसी नियोजित अवैध प्लाटिंग के रूप में।
श्री श्रीवास ने कहा मैंने एक भी प्लॉट किसी को नहीं बेचा है न ही मेरे भाइयों ने कोई अवैध निर्माण कराया है। नाली, सड़क या बाउंड्री वॉल जैसी कोई संरचना तक नहीं बनाई गई है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जिन मामलों में शासकीय जमीन पर 32 टुकड़े करके नामांतरण हो चुका है और कब्जा भी कर लिया गया है, वहां कोई कार्रवाई नहीं हो रही, जबकि जनहित में मुद्दा उठाने वाले को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
श्री श्रीवास ने चुनौती देते हुए कहा अगर नगर निगम यह साबित कर दे कि मैंने अवैध प्लाटिंग की है या उसमें शामिल हूं तो मैं हर सजा भुगतने को तैयार हूं।
उन्होंने अंत में कहा कि जनहित के मुद्दों को उठाने की कीमत चुकानी पड़ रही है, लेकिन इससे उनका मनोबल नहीं टूटेगा। मैं वर्षों से जनहित के मुद्दों पर संघर्ष करता आया हूं और करता रहूंगा।उन्होंने कहा अंत में जीत सच्चाई की होगी।

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