बिलासपुर। बिजली आपूर्ति व्यवस्था को लेेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई डिवीजन बेंच में हुई। बीते सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार ने शपथ पत्र में विस्तार से जानकारी दी है। डिवीजन बेंच को बताया कि प्रदेशभर में 2.83 लाख बिजली के खंभे है। इनमें से 48298 में केबल लटकते मिला है। अब तक 44532 खंभों से केबल हटाए गए।
राज्य में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को लेकर मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी। बिलासपुर शहर के अलावा राज्यभर में कमोबेश इसी तरह की स्थिति का जिक्र किया गया था। मीडिया रिपोर्ट में इस बात की भी जानकारी दी गई थी कि मेंटनेंस के बाद भी बिजली व्यवस्था में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। थोड़ी सी बारिश या फिर हवा चलते ही बिजली गुल हो जाती है। एक बार बंद बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बहाल होने में घंटों लग जाता है। बिजली के खंभों पर लटकते केबल तार को लेकर भी जिक किया गया था। बिलासपुर शहर की बिजली व्यवस्था को मेंटनेंस को लेकर रिपोर्ट में बताया कि शहर के मोहल्ले रात होते ही अंधेरे में डुबे रहते हैं। ना तो सुधार का काम किया जा रहा है और ना ही शिकायत के बाद इसे दुरुस्त किया जा रहा है। इसके चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने गंभीरता से लेते हुए स्वत: संज्ञान में लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है।

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