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October 24, 2025 12:30 pm

कैंसर पीड़ित की मौत, हाई कोर्ट के आदेश के बाद रेलवे ने परिजनों को एक लाख मुआवजा देने दी जानकारी

बिलासपुर। 11 घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंचने के कारण इलाज में देर से मरीज की मौत होने के मामले में राज्य शासन ने हाई कोर्ट को बताया कि परिजन को बतौर मुआवजा दो लाख रुपए दिया गया है। बिलासपुर के रेलवे स्टेशन में कैंसर पीड़ित को एंबुलेंस समय पर उपलब्ध ना होने से मौत के मामले में रेलवे ने कोर्ट को बताया कि मृतक के परिजनों के नाम पर एक लाख रुपए मुआवजा जारी किया गया है। परिजन का पता न होने के कारण राशि नहीं दी जा सकी है, पता चलते ही मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।

दंतेवाड़ा जिले के ग्राम पंचायत राजे निवासी मुन्ना राम कश्यप बीमार था। उसे लगातार उल्टी हो रही थी। मुन्ना राम को अस्पताल ले जाने के लिए संजीवनी 108 को परिजन ने लगातार कॉल किया, लेकिन11 घण्टे में 12 बार कॉल करने पर भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। मृतक के भाई ने बताया कि, सुबह 9 बजकर 41 मिनट पर पहला कॉल किया गया था। कॉल उठाया और काट दिया, इसके बाद लगातार कॉल करते रहे। कॉल सेंटर से कहा गया था कि एंबुलेंस को मौके पर भेज रहे हैं, थोड़ा इंतजार करिए। करीब 12 बार कॉल और 11 घंटे इंतजार करने के बाद भी 108 समय पर नहीं पहुंची। दिनभर के बाद शाम 7.30 से 8 बजे के बीच 108 आई, तब तक मरीज को निजी वाहन के माध्यम से अस्पताल लाया जा चुका था। अस्पताल लाने के बाद डॉक्टर इलाज कर रहे थे, इसी बीच करीब 10 मिनट के अंदर ही मरीज ने दम तोड़ दिया। इसके बाद परिजन और ग्रामीणों का गुस्सा फूटा और जमकर हंगामा हुआ। इस घटना की खबर मिलते ही आदिवासी समाज के लोग भी पहुंचे। ग्रामीणों और परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची इसलिए मरीज की जान चली गई। अप्रैल 2025 में हुई इस घटना पर मीडिया की खबरों के आधार पर हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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