बिलासपुर। नगर निगम बिलासपुर के लिए आज लाल बहादुर शास्त्री स्कूल के देवकीनंदन सभागार में प्रथम सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें सभापति और अपील समिति के सदस्यों का चुनाव संपन्न हुआ। नगर निगम के कुल 70 वार्डों में से चार सदस्यीय अपील समिति का गठन किया जाना था, जिसमें संख्याबल के आधार पर कांग्रेस को एक सदस्य चुनने का अवसर मिला।
कांग्रेस का रुख: जनादेश का सम्मान, विकास में निभाएगी अहम भूमिका

ज़िला कांग्रेस कमेटी (शहर/ग्रामीण) ने स्पष्ट किया कि जनता के जनादेश का सम्मान करते हुए पार्टी नगर निगम में एक सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी। कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विजय पांडेय और ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा प्रजातांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखती है और विपक्ष में रहते हुए भी बिलासपुर के विकास के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता की आकांक्षाओं को लेकर चर्चा और आंदोलन के माध्यम से अपनी बात रखेगी।
सभापति चुनाव में कांग्रेस ने बनाए स्वस्थ परंपरा के मानक

नेताओं ने 2019 के चुनाव का जिक्र करते हुए बताया कि तब भाजपा के 30 से अधिक पार्षद होते हुए भी महापौर पद के लिए उम्मीदवार नहीं उतारा गया था, जिससे कांग्रेस का महापौर निर्विरोध चुना गया। उसी स्वस्थ परंपरा का निर्वहन करते हुए कांग्रेस ने इस बार सभापति पद के लिए कोई उम्मीदवार नहीं उतारा, जिससे भाजपा का प्रत्याशी निर्विरोध सभापति चुना गया।
अपील समिति में कांग्रेस ने मोहन श्रीवास को बनाया अधिकृत प्रत्याशी
अपील समिति के चार सदस्यों के चयन में कांग्रेस को संख्याबल के आधार पर एक सदस्य का स्थान मिला, जिसके लिए कांग्रेस संगठन ने वार्ड क्रमांक 47 के पार्षद मोहन श्रीवास को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया। चुनाव में मोहन श्रीवास को अपील समिति का सदस्य चुना गया।
दलीय राजनीति से ऊपर उठकर विकास पर जोर

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि नगर निगम का मूल उद्देश्य शहर का विकास और जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है। यह तभी संभव होगा जब सभी दल मिलकर राजनीति से ऊपर उठकर विकास को प्राथमिकता देंगे। कांग्रेस को विश्वास है कि नगर निगम बिलासपुर में विकास की एक नई गाथा लिखेगा।

Author: रवि शुक्ला
अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन