भिलाई : दुर्ग जिले के एक गांजा तस्कर की लाखों की संपत्ति का तस्कर और विदेशी मुद्रा छलसाधक (संपत्ति जब्ती) अधिनियम, 1976 (सफेमा) कोर्ट मुंबई से फ्रीजिंग आदेश जारी करवाने के बाद पुलिस अब अन्य तस्करों पर भी इसी तरह की कार्रवाई करने जा रही है।
पुलिस ने जिन आदतन गांजा व अन्य मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले आरोपितों को गिरफ्तार किया है, उनकी संपत्ति का ब्यौरा जुटाया जा रहा है। ताकि, जिन आरोपितों ने गांजा व मादक पदार्थ के अवैध कारोबार से संपत्ति अर्जित की है, उसकी जानकारी सफेमा कोर्ट मुंबई भेजी जा सके और उन संपत्तियों के फ्रीजिंग का आदेश जारी करवाकर उनकी नीलामी कराई जा सके।
अभी पुलिस ने मोहन नगर थाना क्षेत्र में गांजा बेचने वाले एक परिवार की करीब 40 लाख रुपये की संपत्ति का विवरण सफेमा कोर्ट को भेजा था। इस पर सुनवाई पूरी करने के बाद सफेमा कोर्ट ने संपत्ति फ्रीजिंग का आदेश दिया है।

इसके बाद पुलिस अन्य गांजा तस्करों की संपत्ति को भी राजसात करवाने की प्रक्रिया में आगे बढ़ रही है। जामुल और खुर्सीपार के गांजा तस्करों के प्रकरण को सफेमा कोर्ट में भेजने की तैयारी पूरी कर ली है। वहां पर प्रकरण भेजे जाने के बाद आरोपितों से भी संपत्ति के स्रोत के बारे में जानकारी मांगी जाएगी। यदि आरोपित संपत्ति जुटाने का सही स्रोत नहीं बता पाते हैं तो उनकी संपत्ति के भी फ्रीजिंग आदेश जारी किए जाएंगे। बता दें कि दुर्ग पुलिस ने वर्ष 2024 में मादक पदार्थों की तस्करी और बिक्री के 93 कार्रवाई की थी। जिनमें गांजा के साथ ही ब्राउन शुगर, हेरोईन (चिट्टा) और नशीली दवाइयों के तस्कर व कोचिया को गिरफ्तार किया है।
सफेमा (स्मगलर एंड फौरेन एक्सचेंज मैनिपुलेशन एक्ट हिंदी में तस्कर और विदेशी मुद्रा छलसाधक अधिनियम 1976) कोर्ट मुंबई का अधिकार क्षेत्र कई राज्यों तक फैला हुआ है। मुंबई, महाराष्ट्र के साथ ही गुजरात, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और गोवा, दमन दीव और दादर नगर हवेली जैसे केंद्र शासित राज्य सफेमा कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। ये कोर्ट इन राज्यों के प्रकरणों में सुनवाई कर संपत्ति राजसात करने का आदेश पारित करता है।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief