Explore

Search

July 1, 2025 11:29 am

R.O.NO.-13250/14

Advertisement Carousel

याचिकाकर्ता इलेक्ट्रिल इंजीनियर को मिलेगी नौकरी, हाई कोर्ट ने जारी किया आदेश

बिलासपुर। राज्य शासन द्वारा जारी सरकुलर और प्रावधानों का सरकारी अधिकारी ही पालन नहीं कर रहे हैं। इसी तरह का एक मामला छत्तीसगढ़ स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी द्वारा जारी विज्ञापन में आया है। एक मामले की सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि सरकारी नौकरी में नि:शक्तजनों के लिए आरक्षण का प्रावधान है। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को तय प्रावधान के तहत आदेश प्राप्ति के 45 दिनों के भीतर नौकरी देने का निर्देश दिया है।
छत्तीसगढ़ स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी ने 3 नवंबर 2014 को जूनियर इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) के पद पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। विज्ञापन में छत्तीसगढ़ शासन के आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए सभी वर्गों हेतु पद आरक्षित किए गए थे। नि:शक्तजनों के लिए किसी भी वर्ग में आरक्षण की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।

WhatsApp Image 2025-06-30 at 22.08.13_4c6b1664
WhatsApp Image 2025-06-30 at 22.08.13_6350de1c
WhatsApp Image 2025-06-30 at 22.08.13_6dc79aad
WhatsApp Image 2025-06-30 at 22.08.13_fe49f8b4


बलौदाबजार निवासी मनोज कुमार सोनी ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी व रुचि नागर के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर छत्तीसगढ़ स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी द्वारा आरक्षण प्रक्रिया में नि:शक्तजन को शामिल ना किए जाने के निर्णय को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में समान अवसर अधिकार संरक्षण और भागीदारी अधिनियम 1995 के तहत नि:शक्तजनों के लिए आरक्षण का हवाला भी दिया। मामले की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे के सिंगल बेंच में हुई। याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को छत्तीसगढ़ स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी को जूनियर इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) के एक पद सुरक्षित रखने का आदेश जारी किया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मतीन ने दिया ये तर्क
नि:शक्त व्यक्ति समान अवसर अधिकार संरक्षण और पूर्ण भागीदारी अधिनियम 1995 के तहत नि:शक्तजनों के लिए आरक्षण का प्रावधान है। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी द्वारा जारी विज्ञापन में नि:शक्तजनों के लिए आरक्षण नहीं दिया गया है। यह इस अधिनियम का उल्लंघन है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी सर्कुलर 20 जनवरी 2010 और 27 सितंबर 2014 का उल्लंघन है।
हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश
मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस रजनी दुबे ने अपने फैसले में राज्य शासन को निर्देशित करते हुए लिखा है कि याचिकाकर्ता को जूनियर इंजीनियर इलेक्ट्रिकल के पद पर 45 दिनों के भीतर नियुक्ति स समस्त लाभ प्रदान करने का निर्देश दिया है।

WhatsApp Image 2025-06-30 at 22.08.15_d51e7ba3
WhatsApp Image 2025-06-30 at 22.08.14_1c66f21d
WhatsApp Image 2025-06-30 at 22.08.14_eaaeacde
रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

CRIME NEWS

BILASPUR NEWS